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ट्रंप के सीजफायर दावे के उलट कंबोडिया बॉर्डर पर बमबारी, थाईलैंड बोला- हमारा एक्शन सबकुछ बता रहा

दक्षिण-पूर्व एशिया में तनाव कम होने के बजाय और गहराता नजर आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर कराने के दावे के कुछ ही घंटे बाद थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर सैन्य टकराव जारी रहने के आरोप सामने आए हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के बीच थाईलैंड प्रधानमंत्री का बयान आया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के बीच थाईलैंड प्रधानमंत्री का बयान आया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफायर कराने के दावे के बावजूद दोनों देशों के बीच सीमा पर लड़ाई थमती नहीं दिख रही है. कंबोडिया ने दावा किया है कि शनिवार सुबह भी थाई सेनाएं विवादित सीमा पर हमले कर रही हैं, जबकि थाईलैंड ने उलटे कंबोडिया पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

फिलहाल, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवादित सीमा पर सैन्य टकराव नहीं रुक रहा. यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाई है.

कंबोडिया के सूचना मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि थाई सैन्य बलों ने सीमा पार हमले बंद नहीं किए हैं. मंत्रालय के मुताबिक, थाई सेनाएं अब भी बमबारी कर रही हैं और इन हमलों में फाइटर जेट्स का भी इस्तेमाल किया गया है.

कंबोडिया के सूचना मंत्रालय ने बयान में कहा, थाई सेनाओं ने अब तक बमबारी बंद नहीं की है और हमले लगातार जारी हैं.

थाईलैंड का पलटवार, कंबोडिया पर गंभीर आरोप

वहीं, थाईलैंड की सेना ने कंबोडिया के आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया है. थाई सेना का कहना है कि कंबोडिया बार-बार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है. थाईलैंड के मुताबिक कंबोडियाई बलों ने नागरिक इलाकों को निशाना बनाया है और सीमा क्षेत्रों में बारूदी सुरंगें बिछाई हैं.

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थाईलैंड का आया बयान...

बॉर्डर पर बमबारी के बीच थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल का बयान आया. उन्होंने कहा, यह बिल्कुल भी कोई रोड एक्सीडेंट नहीं है. थाईलैंड तब तक सैन्य कार्रवाई करता रहेगा, जब तक हमारी जमीन और हमारे लोगों के लिए कोई और नुकसान या खतरा खत्म नहीं हो जाता. मैं यह बात पूरी तरह स्पष्ट करना चाहता हूं. आज सुबह हमारी कार्रवाइयों ने खुद सब कुछ बता दिया है.

ट्रंप का दावा... लेकिन दोनों देशों की चुप्पी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार रात थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत से फोन पर बातचीत के बाद कहा था कि दोनों देश शुक्रवार से ही सभी तरह की गोलीबारी रोकने पर सहमत हो गए हैं.

हालांकि ट्रंप के इस दावे के बाद दोनों देशों के नेताओं के बयानों में किसी औपचारिक सीजफायर समझौते का जिक्र नहीं किया गया. थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल ने साफ कहा कि कोई सीजफायर नहीं हुआ है. जब ट्रंप के दावे पर सवाल किया गया तो थाई विदेश मंत्रालय ने पत्रकारों को प्रधानमंत्री के बयान का हवाला दिया.

कंबोडिया ने दोहराई शांतिपूर्ण समाधान की बात

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत ने शनिवार को फेसबुक पर जारी एक बयान में ट्रंप के साथ हुई बातचीत और मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ पहले हुई चर्चा का जिक्र किया. मानेत ने कहा कि कंबोडिया अब भी विवादों का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है.

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उन्होंने कहा कि कंबोडिया अक्टूबर में मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हुए पहले के समझौते के तहत ही विवाद सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है.

ट्रंप ने सीजफायर पर क्या कहा था?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया था कि थाईलैंड और कंबोडिया शुक्रवार शाम से अपने जॉइंट बॉर्डर पर सभी तरह की सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमत हो गए हैं. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत से अलग-अलग बातचीत की. उन्होंने इन चर्चाओं को बेहद सकारात्मक बताया और कहा कि इनका मकसद दोनों देशों के लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद में हालिया तनाव को खत्म करना था.

ट्रंप के ट्रुथ सोशल पर जारी संदेश के मुताबिक, दोनों नेताओं ने तुरंत सभी तरह की गोलीबारी रोकने और उस शांति ढांचे पर वापस लौटने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसे पहले अमेरिका की भूमिका और मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की मध्यस्थता से तय किया गया था.

ट्रंप ने कहा, वे इस शाम से सभी तरह की फायरिंग रोकने पर सहमत हो गए हैं और मेरे साथ तथा उनके साथ मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की मदद से किए गए मूल शांति समझौते पर वापस लौटेंगे.

यह नए सीजफायर का ऐलान ऐसे समय किया गया था, जब बीते कुछ दिनों में हुए घातक संघर्षों के चलते हजारों नागरिकों को अपने घर छोड़ने पड़े थे और इस साल की शुरुआत में मलेशिया की मध्यस्थता से हुए संघर्षविराम के टूटने का खतरा पैदा हो गया था.

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ट्रंप ने अक्टूबर में मलेशिया में हुई फॉलो-अप बैठकों में भी हिस्सा लिया था. वे इस संघर्ष को उन कई विवादों में से एक बताते हैं, जिन्हें उनके मुताबिक उन्होंने सुलझाया है.

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