रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने आजतक से खास बातचीत की है. करीब दो दशकों में किसी भी इंडियन टेलीविज़न नेटवर्क से यह उनकी पहली बातचीत है. 4 दिसंबर से शुरू होने वाले दो दिन के ज़रूरी दौरे पर नई दिल्ली पहुंचने से कुछ घंटे पहले पुतिन ने यह इंटरव्यू दिया. यह इंटरव्यू क्रेमलिन के ऐतिहासिक एकातेरिना (कैथरीन) हॉल के अंदर शूट किया गया, जिसे इंडिया टुडे ग्रुप की अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन ने किया. दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में से एक के साथ यह खास बातचीत गुरुवार रात 9 बजे इंडिया टुडे और आज तक पर On AIR होगी.
आजतक के साथ इंटरव्यू में, प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन से US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी आने वाली मीटिंग और इंडिया-रूस रिश्तों के आगे के रास्ते से जुड़े कई सवाल पूछे गए. यह खास बातचीत ऐसे वक्त में हो रही है, जब रूस–यूक्रेन जंग को रोकने के लिए लगातार कूटनीतिक कोशिशें जारी हैं. ऐसे माहौल में पुतिन भारत आ रहे हैं और यह जानना अहम है कि रिश्तों, भू-राजनीति और वैश्विक समीकरणों पर उनकी क्या सोच है.
यह हाई-स्टेक बातचीत एक अहम जियोपॉलिटिकल गहमागहमी के बीच हो रही है, जिसमें ग्लोबल पावर में बदलाव और हाल ही में प्रस्तावित US पीस फ्रेमवर्क सहित चल रहे रूस-यूक्रेन विवाद शामिल हैं. यह इंटरव्यू पुतिन की मॉस्को में US दूतों के साथ सिर्फ 24 घंटे पहले हुई मैराथन पांच घंटे की मीटिंग के बाद हुआ, जिससे दुनिया भर में उनके बयान का खास तौर पर इंतज़ार किया जा रहा है.
भारत दौरे पर पुतिन...
भारत और रूस के रिश्तों में गर्मजोशी अब और बढ़ने वाली है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन India-Russia Annual Summit के लिए दो दिवसीय दौरे के लिए भारत आ रहे हैं.
कूटनीतिक प्रतीकों से सजे कैथरीन हॉल में इंटरव्यू
पुतिन का यह स्पेशल इंटरव्यू क्रेमलिन के ऐतिहासिक कैथरीन हॉल में रिकॉर्ड हुआ, जहां सिर्फ रूस के टॉप लीडर्स की बैठकें होती हैं. विदेशी मीडिया को यहां शायद ही कभी अनुमति मिलती है, इसलिए आजतक के पत्रकारों का वहां पहुंचना अपने आप में बड़ी बात है.
कैथरीन हॉल वही जगह है,स जहां रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और कैबिनेट की अहम बैठकें होती हैं. इस हॉल में लगी 'मदरलैंड' और 'जस्टिस' की मूर्तियां भी पावर, संप्रभुता और इंसाफ का पैगाम देती हैं. ऐसे प्रतीकों के बीच दिया गया पुतिन का यह इंटरव्यू रूस की गंभीरता और उसके कूटनीतिक संदेश का प्रतीक माना जा रहा है.
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इंटरव्यू का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह महीनों बाद पुतिन का सबसे विस्तृत सार्वजनिक बयान होगा. इस इंटरव्यू का दूसरा अहम पहलू भारत-रूस संबंध हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात से पहले दिया गया यह इंटरव्यू दोनों देशों के भविष्य के सहयोग की दिशा तय कर सकता है, खासतौर पर रक्षा, ऊर्जा, तकनीक और व्यापार जैसे क्षेत्रों में.
पुतिन के इस इंटरव्यू से पहले भारत में यूरोपीय देशों के तीन राजदूतों ने संयुक्त रूप से एक आर्टिकल लिखकर यूक्रेन युद्ध पर अपनी राय दी थी, और जवाब में रूस के राजदूत ने भी संपादकीय प्रकाशित किया था. इससे यह साफ है कि यह सिर्फ़ मीडिया इंटरव्यू नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए कूटनीतिक संकेतों का मंच बन गया है.