दो दिवसीय फ्रांस दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया ने ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय तक नकारा है. फ्रांसीसी अखबार को दिए अपने एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ और पश्चिमी दुनिया के बीच का एक पुल हो सकता है. इंटरव्यू में पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत करते हुए कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश के रूप में भारत को अपना सही स्थान हासिल करने की जरूरत है.
पीएम मोदी ने फ्रांस रवाना होने से पहले वहां के एक अखबार Les Echos को दिए इंटरव्यू में कहा, 'ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से नकारा गया है. इस कारण ग्लोबल साउथ के देशों में निराशा की भावना पैदा हो गई है.... मैं भारत को उस मजबूत कंधे की तरह देखता हूं कि अगर ग्लोबल साउथ को ऊंची छलांग लगानी हो तो भारत इसके आगे बढ़ने के लिए वो कंधा हो सकता है. तो इस प्रकार भारत एक पुल का काम कर सकता है.'
'ग्लोबल साउथ' टर्म का इस्तेमाल एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के निम्न या मध्यम आय वाले देशों के लिए होता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बुलावे पर गुरुवार सुबह फ्रांस के लिए रवाना हुए हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान वो फ्रांस के स्वतंत्रता दिवस बॉस्तिल डे परेड में बतौर अतिथि शामिल होंगे.
पीएम मोदी ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत का युवा और कुशल श्रम आने वाले दशकों में दुनिया के लिए एक संपत्ति साबित होगा.
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की बात करते हुए कहा, 'भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और इसे विश्व में अपना सही स्थान हासिल करने की जरूरत है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पूरी दुनिया के लोगों के लिए आवाज होने का दावा कैसे कर सकती है जब इसका सबसे अधिक आबादी वाला देश और इसका सबसे बड़ा लोकतंत्र इसके स्थायी सदस्यों में शामिल नहीं है?.'
उन्होंने कहा कि यूएन सुरक्षा परिषद के अधिकांश सदस्य देश भारत की भूमिका को लेकर परिषद में बदलाव चाहते हैं. पीएम ने भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर फ्रांस के रुख का सराहना भी की.
इंडो-पैसिफिक और भारत को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा कि वो चाहते हैं कि जब देश 2047 में आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाए, तब एक विकसित राष्ट्र हो.
उन्होंने कहा, 'भारत नए अविष्कार और तकनीक में एक वैश्विक नेता होगा. हमारी अर्थव्यवस्था अवसरों का केंद्र होगी और यह वैश्विक विकास के लिए एक इंजन और प्रतिभा का स्रोत होगी. हम एक अधिक संतुलित बहुध्रुवीय दुनिया को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे.'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करता है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हमारे हित व्यापक हैं और क्षेत्र से हम गहरे रूप से जुड़े हुए हैं. इस क्षेत्र को लेकर हमारे नजरिए को मैंने एक शब्द दिया है- SAGAR- जिसका अर्थ है- Security and Growth for All in the Region (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास).'
फ्रांस के साथ संबंधों पर क्या बोले पीएम मोदी?
इस साल भारत और फ्रांस अपनी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. फ्रांस के साथ भारत के संबंधों पर पीएम मोदी ने कहा कि देशों के बीच संबंध वर्तमान में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं.
उन्होंने कहा, 'रिश्ता बेहद अच्छी स्थिति में है. दोनों देशों की बीच का रिश्ता मजबूत है और यह भरोसे पर टिका है. मुश्किल दौर में भी फ्रांस और भारत का रिश्ता स्थिर रहा है. हम सहयोग के लिए अवसरों की तलाश करते रहे हैं.'
फ्रांस के साथ रिश्ते को लेकर उन्होंने आगे कहा, 'हमारे बीच बेजोड़ आपसी विश्वास और भरोसा है. यह रिश्ता साझा मूल्यों और विचार से बना है. हम रणनीतिक स्वतंत्रता की एक मजबूत भावना साझा करते हैं. दोनों देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों को लेकर प्रतिबद्ध हैं. दोनों देश एक बहुध्रुवीय दुनिया चाहते हैं.'