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भारत की ताकत देख बढ़ी पाकिस्तान की चिंता, मीडिया में हलचल

बेंगलुरु में सोमवार से शुरू हुए पांच दिवसीय 'एयरो इंडिया शो' में 98 देशों की सैकड़ो रक्षा कंपनियां शामिल हो रही हैं. इसमें 700 से ज्यादा भारतीय और लगभग 100 विदेशी कंपनियां भी हिस्सा ले रही हैं. एयर इंडिया शो पर पाकिस्तानी मीडिया ने भी प्रमुखता से जगह दी है और भारत की रक्षा निर्यात रणनीति पर टिप्पणी की है.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो- रॉयटर्स)
सांकेतिक तस्वीर (फोटो- रॉयटर्स)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो के 14 वें सत्र का उद्घाटन किया. 

पांच दिनों तक चलने वाला यह शो बेंगुलुरु के येलाहांका एयरफोर्स स्टेशन पर हो रहा है. इस शो की खासियत यह है कि इसमें 98 देश और 100 से ज्यादा विदेशी डिफेंस कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. इसके अलावा इस शो में 32 देशों के रक्षा मंत्री और 29 देशों के वायु सेना प्रमुख भी भाग लेंगे. 

बेंगलुरु में हो रहे एयरो इंडिया के 14 वें एडिशन को लेकर पाकिस्तानी मीडिया ने भी प्रमुखता से जगह दी है और भारत के डिफेंस प्रणाली पर टिप्पणी की है.  

दरअसल, आर्थिक तंगी से बेहाल पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तों के तहत डिफेंस बजट कम करना होगा. ऐसे में 'एयरो इंडिया शो' के माध्यम से भारत की अपनी सैन्य निर्यात में बढ़ोतरी कर अमेरिका, रूस और चीन जैसे सैन्य महाशक्तियों के साथ मंच साझा करने की महत्वाकांक्षा पाकिस्तान को चिंतित कर रही है. 

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क्या कह रहा पाकिस्तानी मीडिया 

पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी बेवसाइट 'द डॉन' ने बेंगलुरु में हो रहे एयरो इंडिया शो को लेकर लिखा है, "भारत का लक्ष्य रक्षा निर्यात को 5 अरब डॉलर तक तिगुना करना, लड़ाकू जेट और हेलिकॉप्टर बेचना है"

वेबसाइट ने आगे लिखा है, "भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश में हो रहे एक प्रमुख एयर शो के माध्यम से अगले दो साल में रक्षा निर्यात को तिगुना बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया. इस एयर शो में कई बड़ी हथियार कंपनियां आती हैं.

डॉन ने लिखा, 'भारत दो साल के अंतराल पर होने वाले एयरो इंडिया शो में 750 अरब रुपये 9 अरब डॉलर के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करना चाहता है. भारत दशकों से रक्षा उपकरण दूसरे देशों से आयात करता रहा है लेकिन अब वह वैश्विक बाजार में निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. भारत बड़े पैमाने पर आयात करता है और इसी बात का फायदा वह अपने घरेलू उद्योग में निवेश को आकर्षित करने के लिए कर रहा है.

अमेरिका, रूस और चीन के साथ मंच साझा करने की महत्वाकांक्षा

वहीं एक अन्य पाकिस्तानी बेवसाइट  'Geo News' ने एयरो इंडिया शो को लेकर हेडिंग दी है- "एयरो इंडिया शो में हावी होने के लिए तैयार मोदी की मिलिट्री"

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वेबसाइट ने लिखा है, "भारत अरबों डॉलर के सैन्य विमानों की तलाश कर रहा है. जेटलाइनर सौदों को पूरा करने के लिए भारत इस सप्ताह एक प्रमुख एयर शो में वैश्विक विमान निर्माताओं को स्थानीय स्तर पर अधिक उत्पादन करने के लिए दबाव डाल रहा है."

वेबसाइट ने आगे लिखा है," भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है. लेकिन चीन और पाकिस्तान जैसे परमाणु संपन्न देशों से घिरे होने के कारण सोवियत काल के बेड़े को आधुनिकीकरण कर रहा है.

इसके अलावा भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती ताकत को संतुलित करने के लिए विमान वाहक के लिए विमान भी चाहता है. एयरो इंडिया शो में एयर इंडिया को एयरबस एसई और बोइंग कंपनी से लगभग 500 जेट खरीदने के लिए संभावित रिकॉर्ड डील की घोषणा करने की भी उम्मीद है. "

पाकिस्तानी वेबसाइट ने यह भी लिखा है कि उच्च प्रौद्योगिकी और घरेलू विनिर्माण का हस्तांतरण अमेरिका, रूस और चीन जैसे सैन्य महाशक्तियों के साथ मंच साझा करने की मोदी की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है."

हल्के लड़ाकू विमान तेजस को बढ़ावा दे रहा भारत

पाकिस्तानी बेवसाइट 'द ट्रिब्यून एक्सप्रेस' ने भी हेडिंग दी है, "एयरो इंडिया शो में हावी होने के लिए तैयार भारत की सैन्य महत्वाकांक्षाएं." 

वेबसाइट ने लिखा है, "भारत के पास भले ही विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है. लेकिन उसे  सोवियत काल के बेड़े को आधुनिक रूप से बदलाव करने की सख्त जरूरत है.

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इसके अलावा भारत रूस पर अपनी पारंपरिक हथियार को लेकर आयात की निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है. भारत अब हथियारों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और इजराइल की ओर रुख कर रहा है और इसी बहाने अपने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी बढ़ावा दे रहा है."

'द ट्रिब्यून एक्सप्रेस' ने लिखा है, "भारत अपनी अर्थव्यवस्था को 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए अधिक औद्योगिक आपूर्ति करना चाहता है. इसके अलावा भारत उच्च प्रौद्योगिकी और घरेलू विनिर्माण समझौते से अमेरिका, रूस और चीन जैसे सैन्य महाशक्तियों के साथ मंच साझा करना चाहता है."

पाकिस्तान क्यों है चिंतित

पाकिस्तान वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट और महंगाई के दौर से गुजर रहा है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 15 दिनों के लिए भी पर्याप्त नहीं है. ऐसे में पाकिस्तान के लिए एकमात्र उम्मीद आईएमएफ ने पाकिस्तान को लोन देने से पहले डिफेंस बजट में कटौती करने के लिए कहा है. 

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय रक्षा बजट में 10 से 15 फीसदी कटौती करने पर विचार कर रहा है. ऐसे में भारत की मजबूत रक्षा नीति उसे चिंतित कर रही है. 
 

 

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