इजरायल की सेना ने गुरुवार को दक्षिण लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की. हमले से कुछ घंटे पहले सेना ने वहां के निवासियों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी. इज़राइली सेना के प्रवक्ता ने बताया कि ये हमला हिज़्बुल्लाह के मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाने के लिए किया गया था. इसका मकसद हिज़्बुल्लाह की क्षेत्र में गतिविधियों को फिर से शुरू करने की कोशिशों का जवाब देना है.
इज़रायली सैन्य प्रवक्ता अविचाय अद्राई ने X पर एक पोस्ट में कहा कि लेबनान के तीन गांव- मेस अल-जबाल, कफर तेबनीत और डिब्बिन के नागरिकों को अपने घर छोड़ने की चेतावनी दी गई थी, उन्होंने इन गांवों के नक्शे साझा करते हुए कहा कि लाल रंग से चिह्नित इमारतों के लोग तुरंत अपने घर खाली कर दें.
ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब हिज़्बुल्लाह को अमेरिका, सऊदी अरब और लेबनान में उसके राजनीतिक विरोधियों से हथियार डालने के दबाव का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, हिज़्बुल्लाह ने इस दबाव को खारिज करते हुए कहा कि जब तक इज़रायल अपने हवाई हमले जारी रखेगा और दक्षिणी लेबनान के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण बनाए रखेगा, तब तक हथियार डालने पर विचार करना बड़ी गलती होगी.
बता दें कि गाजा युद्ध के कारण लंबे समय तक चली दु्श्मनी और हमलों के बाद पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने इज़रायल और लेबनान के बीच युद्धविराम की मध्यस्थता की थी.
हिज़्बुल्लाह के खिलाफ इजरायल की जंग
इज़रायल और हिज़्बुल्लाह 8 अक्टूबर 2023 से जंग लड़ रहे हैं, जब इज़रायल ने 7 अक्टूबर के हमास हमलों के जवाब में कार्रवाई शुरू की थी. हालांकि पिछले साल सितंबर में दोनों के बीच संघर्ष तेज़ हुआ और 27 नवंबर को युद्धविराम घोषित किया गया. इस दौरान हिज़्बुल्लाह की सैन्य शक्ति को भारी नुकसान हुआ, जबकि इज़रायल ने हसन नसरल्लाह सहित कई वरिष्ठ नेताओं को मार गिराया.
सितंबर 2024 में लेबनान में 3000 पेजर और कई वॉकी-टॉकी एक साथ विस्फोट होने से हिज़्बुल्लाह को बड़ा झटका लगा था. दो दिनों में हुए हमलों में कम से कम 37 लोग मारे गए और लगभग 3000 घायल हुए. ये घटना हाल के समय में किए गए सबसे सावधानीपूर्वक और गुप्त अभियानों में से एक है.