हाल के सालों में पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच दुश्मनी बढ़ती जा रही है जहां दोनों देश आए दिन सीमा पर भिड़ते रहते हैं. इस लड़ाई के बीच पाकिस्तान अकड़ दिखाते हुए बार-बार बॉर्डर क्रॉसिंग बंद कर देता है जिससे अफगानिस्तान के व्यापार को भारी नुकसान हुआ है. इसे देखते हुए भारत और अफगानिस्तान ने नई तरकीब निकाल ली है. अब अफगानिस्तान और भारत के बीच सीधे कार्गो फ्लाइट्स की शुरुआत होने जा रही है.
दोनों देश पाकिस्तान को बाईपास कर अपने व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं और कार्गो फ्लाइट्स उसी पहल का हिस्सा हैं.
दोनों देशों के बीच यह सहमति अफगान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री अल-हाज नूरुद्दीन अजीजी की भारत की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान बनी. अफगान मंत्री के इस दौरे का मकसद अफगानिस्तान की पाकिस्तान पर निर्भरता कम करना था.
पिछले साल पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ सैन्य झड़पों के बाद बार-बार बॉर्डर क्रॉसिंग बंद की, आवागमन सीमित किया और सीमापार व्यापार को रोक दिया, जिससे अफगान निर्यात ठप पड़ गया और हजारों व्यापारी फंस गए.
विदेश मंत्रालय (MEA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि काबुल-दिल्ली और काबुल-अमृतसर सेक्टरों पर एयर फ्रेट कॉरिडोर अब सक्रिय कर दिए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि कार्गो फ्लाइट्स 'बहुत जल्द' शुरू होंगी, और भारत की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. अगला कदम अफगान अधिकारियों पर निर्भर है और अब इसमें बस डॉक्यूमेंट्स का काम बाकी रह गया है.
अफगानिस्तान के लिए कार्गो फ्लाइट्स का जल्द शुरू होना बेहद जरूरी है. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगातार झड़पों के बीच तोर्खम और चमन सहित प्रमुख व्यापारिक प्वॉइंट्स बंद कर दिया है जिससे किसानों और निर्यातकों को 100 मिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है.
जल्द खराब होने वाले सामान जैसे- फलों, मेवों, जड़ी-बूटियों और औषधीय फसलों के ट्रकों के रुकने से वे सड़ गए. इससे बॉर्डर स्टाफ, ट्रक चालक और कृषि व्यापारी को भारी नुकसान हुआ है.
भारत के फ्लाइट्स पाकिस्तान के एयरस्पेस का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते भारत और अफगानिस्तान के बीच हवाई संपर्क भी टूट गया है. कार्गो फ्लाइट्स के शुरू होने से अफगानिस्तान के प्रोडक्ट्स कुछ घंटों में ही भारत के बाजारों तक पहुंच सकते हैं. जमीनी रास्ते से भारत आने में उन्हें हफ्तों का वक्त लग जाता था.
कार्गो फ्लाइट्स की शुरुआत से भारत को भी बड़ा लाभ होगा. नई हवाई व्यापार व्यवस्था अफगानिस्तान में भारत की आर्थिक उपस्थिति को मजबूत करेगी और पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए मध्य एशिया तक एक वैकल्पिक मार्ग बनेगा. अफगानिस्तान के लिए कार्गो फ्लाइट्स का शुरू होना एयर कॉरिडोर और ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए भारत के क्षेत्रीय व्यापार में विस्तार का कोशिशों का हिस्सा है.
भारत और अफगानिस्तान संस्थागत सहयोग को गहरा करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. दोनों देश समर्पित व्यापार दूत नियुक्त करने और लंबे समय से निष्क्रिय पड़े वाणिज्य, निवेश और कनेक्टिविटी पर ज्वॉइंट वर्किंग ग्रुप को पुनर्जीवित करने की योजना बना रहे हैं.
काबुल-दिल्ली, काबुल-अमृतसर और यहां तक कि काबुल-कंधार मार्गों पर एयर कुरियर सेवाएं शुरू करने पर भी चर्चा चल रही है.
हालांकि, कंधार के लिए उड़ानें 1999 के IC-814 हाईजैकिंग घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा समीक्षा से गुजर रही हैं.