कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर सबके सामने आ गया है. इमरान खान की सरकार ने बीते शुक्रवार को दावा किया था कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान प्रायोजित एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने आम सहमति से अपना लिया है. पाकिस्तान ने बताया था कि ये प्रस्ताव भारत के कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता है. अब पाकिस्तान का ये दावा झूठा निकला है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव में कश्मीर या कश्मीर की स्थिति का कोई उल्लेख नहीं है.
स्वार्थ के लिए ऐसे झूठे दावे कर रहा पाकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में कश्मीर को लेकर कोई बात नहीं कही गई है. इस मामले के जानकार बताते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में इस तरह के प्रस्ताव, जिन्हें पिछले एक दशक से अपनाया गया है, मूल रूप से फिलीस्तीन के संदर्भ में तैयार किए गए थे.
जानकारों का कहना है कि ऐसा कोई प्रस्ताव कश्मीर के लिए तैयार नहीं किया गया. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से परिचित अधिकारियों ने 'द इकोनॉमिक टाइम्स' को बताया कि प्रस्ताव में किसी भी रूप में कश्मीर का कोई संदर्भ नहीं है. पाकिस्तान अपने निहित स्वार्थ के लिए ऐसे बयान दे रहा है.
क्या कहा था पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था, 'संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव को आम सहमति के साथ अपना लिया है जिसका शीर्षक है- Universal Realisation of the Right of the Peoples to Self-Determination. यह प्रस्ताव स्पष्ट रूप से गुलामी, विदेशी वर्चस्व और विदेशी कब्जे के तहत आने वाले सभी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता है. इसमें भारतीय कब्जे वाला कश्मीर भी शामिल हैं.'
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 72 देशों द्वारा प्रायोजित इस प्रस्ताव को यूनाइटेड नेशंस के सभी देशों का समर्थन मिला. पाकिस्तान का कहना है कि आत्मनिर्णय के अधिकार के सार्वभौमिक चरित्र के कारण सभी देश इसके समर्थन में आए हैं.
ओआईसी में भी कश्मीर मुद्दे पर हुई थी चर्चा
पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा हाल ही में इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी में भी उछाला था. बीते रविवार को ओआईसी की इस्लामाबाद में विशेष बैठक हुई थी. इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और ओआईसी महासचिव हिसेन इब्राहिम ताहा के बीच बातचीत हुई थी.
इस बातचीत में दोनों ने कश्मीर के मुद्दे पर कहा था कि दोनों पक्ष कश्मीरियों के आत्मनिर्णय और अधिकार प्राप्ति के उनके संघर्ष का समर्थन करेंगे. इस दौरान भी कहा गया था कि कश्मीरियों के आत्मनिर्णय का अधिकार संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में शामिल है.
OIC की प्रेस रिलीज में कहा गया, 'दोनों पक्षों ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे के घटनाक्रम और कश्मीरी लोगों को उनके वैध अधिकार प्राप्त करने के संघर्ष में समर्थन देने के ओआईसी के प्रयासों पर बात की. साथ ही उनके आत्मनिर्णय के अधिकार पर भी बात की जो इस्लामिक शिखर सम्मेलनों, संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में भी शामिल है.