पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 9 मई को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से अरेस्ट किया गया था. इसके बाद पाकिस्तान के जो हुआ, वह उसके इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था. ऐसा देश जहां सैन्य तख्तापलट की कई घटनाएं हो चुकी हैं, उस जमीन पर इमरान खान की गिरफ्तारी से बौखलाए उनके समर्थकों ने उत्पात मचा दिया. उन्होंने पीएम आवास के साथ-साथ आर्मी हेडक्वाटर, सेना के कई अफसरों के घर पर हमला बोल दिया. वहां जमकर तोड़फोड़ की, वाहनों को आग के हवाले कर दिया. आर्मी ने ऐसी घटना को सैन्य अपराध मान लिया है. आइए पहले यह जानते हैं कि 9 मई को ऐसा क्या हुआ, जिससे आर्मी को यह कदम उठाना पड़ा.
इमरान खान के खिलाफ अल कादिर ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट 9 मई को सुनवाई थी. इमरान सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचे थे. उनके समर्थन में कोर्ट के बाहर हजारों की संख्या में उनके समर्थक भी जुटे हुए थे. इस दौरान उन्हें नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) और पाक रेंजर्स ने कोर्ट में जाने से पहले ही अरेस्ट कर लिया था.
इसके बाद उनके समर्थकों ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए विरोध शुरू कर दिया. देखते ही देखते इस विरोध ने हिंसक रूप ले लिया. पीटीआई कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, कराची, गुजरांवाला, पेशावर और मर्दन समेत देश भर के शहरों में विरोध प्रदर्शन किया. कई शहरों में तोड़फोड़ शुरू कर दी, छोटे-बड़े वाहनों को आग लगानी शुरू कर दी. बेलगाम हो चुके समर्थकों ने इसके बाद जो किया वह पाकिस्तान के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था.
- इमरान के समर्थकों ने लाहौर में पीएम आवास पर हमला बोला. वहां पेट्रोल बम दागे, दर्जनों वाहनों में आग लगा दी.
- लाहौर कैंट में कॉर्प्स कमांडर्स हाउस के घर में घुस गए. वहां आग लगा दी. इसका असल नाम 'जिन्ना हाउस' है. इस कभी मोहम्मद अली जिन्ना ने खरीदा था.
- पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर हमला बोल दिया गया. वहां भी जमकर पथराव हुआ.
- रेडियो पाकिस्तान की इमारत में आग लगा दी.
- मियांवाली एयरबेस के बाहर लगे एक डमी विमान को आग के हवाले कर दिया.
- 130 साल पुरानी मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज की इमारत में आग लगा दी.
- सशस्त्र प्रदर्शनकारियों ने तरनूल पुलिस स्टेशन, संगजानी पुलिस स्टेशन और रमना पुलिस स्टेशन पर फायरिंग की.
- 11 फ्रंटियर कोर के जवान और 71 पुलिस अधिकारियों पर हमला कर जख्मी कर दिया.
- फैसलाबाद शहर में गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के आवास पर पथराव किया.
- खैबर पख्तूनख्वा में टायर जलाकर सिंधु राजमार्ग को बंद कर दिया.
- रावलपिंडी में डीपीओ इंडस्ट्रियल एरिया में उपद्रव किया.
- पीटीआई के समर्थकों ने करीब 25 करोड़ की संपत्तियां नष्ट कर दीं.
शहबाज सरकार और सेना ने सैन्य प्रतिष्ठानों और अफसरों पर हमले को सैन्य अपराध माना है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान के समर्थकों की इस हरकत को एक्ट ऑफ टेररिज्म करार दिया. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इस हमले के बाद बयान भी दिया था कि वे इस हिसां के किसी भी योजनाकार, उकसाने वालों, भड़काने वालों और इस बर्बरता को अंजाम देने वालों को नहीं छोड़ेंगे. उनका मानना है कि इस हिंसा के पीछे इमरान खान जिम्मेदार हैं.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (ISPR) के मुताबिक सेना प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करना और उसकी साजिश रचने, राजद्रोह, जासूसी जैसे सैन्य अपराधों को रचने वालों पर आर्मी एक्ट, टेररिज्म एक्ट और ऑफीशियल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई करने जा रही है.
इमरान खान पर आर्मी एक्ट की धारा 59 और 60 के तहत कार्रवाई होगी. इस एक्ट के तहत दोष साबित होने पर मौत की सजा या उम्रकैद की सजा हो सकती है. धारा- 59 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा-ए-मौत का प्रावधान है. इस धारा का इस्तेमाल असैन्य अपराधों के लिए किया जाता है.
इमरान खान ने पिछले दिनों ट्वीट कर सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्हें लंबे समय तक जेल में रखने की प्लानिंग हो रही है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम लिए बिना लिखा कि लदंन में उनके खिलाफ ये साजिश तैयार की गई है. लंदन प्लान के तहत उन्हें गिरफ्तार करके मिलिट्री कानून के तहत 10 साल के लिए सलाखों के पीछे डालने की साजिश रची गई है.
पाकिस्तान में 9 मई को हुए हमले के बाद हालात पर काबू पाने के लिए बड़े फैमाने पर फोर्स को सड़कों पर उतार दिया गया. हिंसक प्रदर्शन करने वालों की धरापकड़ शुरू कर दी गई. हिंसा में शामिल अब तक 5000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किए जा चुका है. पीटीआई नेताओं की गिरफ्तारी अब भी जारी है. वहीं पंजाब सरकार ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की इजाजत दे दी है.
पाकिस्तान की संसद में इमरान खान को फांसी देने की मांग हुई है. नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग की है.