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'दुनिया से जाने का इससे अच्छा तरीका नहीं...', आतंकी को ईंट से मारने वाले शख्स को ऑस्ट्रेलिया ने किया सलाम

बॉन्डी बीच पर रुवेन मॉरिसन ने जैसे ही आतंकियों की फायरिंग की आवाज सुनी वे ईंट लेकर आतंकियों की ओर दौड़े. राइफल से वहशियों की तरह फायरिंग कर रहे आतंकियों के सामने इस बुजुर्ग की कोशिश भले ही मामूली लगे, लेकिन उन्होंने दहशतगर्दों की गोली खाकर कई जिंदगियां बचाईं.

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रुवेन मॉरिसन सोवियत रूस से ऑस्ट्रेलिया आए थे. (Photo: ITG/ Video grab)
रुवेन मॉरिसन सोवियत रूस से ऑस्ट्रेलिया आए थे. (Photo: ITG/ Video grab)

सिडनी के बॉन्डी बीच पर फायरिंग की नृशंस घटना ने ऑस्ट्रेलियाई समाज को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना में दो आतंकियों, जो रिश्ते में बाप-बेटे थे, ने अपना वहशीपन दिखाया, लेकिन कुछ लोग ऐसे थे जिन्होंने इस वहशीपन का जवाब इंसानियत के साथ वफा निभाकर दी. इस मुहिम में उन्होंने स्वयं को बलिदान कर दिया.

62 साल के रुवेन मॉरिसन ऐसे ही शख्स थे. बॉन्डी बीच पर हुए हमले के वायरल वीडियो में एक वीडियो ऐसा है जहां एक शख्स एक आतंकी को ईंट फेंककर मार रहा है. ये आतंकी लगातार फायरिंग कर रहा है. इस शख्स को कुछ नहीं मिला उसने ईंट फेंककर आतंकियों को मारना शुरू कर दिया. 

तड़ातड़ फायरिंग कर रहे आतंकियों को ईंट से मारना भले ही एक पल के अजीब एक्शन लग सकता है. लेकिन इसका प्रतीकात्मक महत्व है. और ये महत्व आतंक के खिलाफ प्रतिरोध का. 

रुवेन मॉरिसन की बेटी ईंट से आतंकियों को मारने वाले शख्स की पहचान अपने पिता के रूप में की है. रुवेन मॉरिसन आतंकियों की गोली का शिकार हो गए.

रुवेन मॉरिसन की बेटी शीना गुटनिक ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, "मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार जैसे ही उन्होंने गोलीबारी शुरू की, मेरे पिता कूद पड़े, वो आतंकियों पर ईंट फेंकने में सफल रहे. वह आतंकवादी पर चिल्ला रहे थे, वे अपने समुदाय की रक्षा कर रहे थे, तभी उन्हें गोली मार दी गई."

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शीना गुटनिक ने आगे कहा, "अगर इस धरती से उन्हें जाने का कोई एक तरीका होता, तो वह एक आतंकवादी से लड़ते हुए होता. हमें उनसे छीना जाने का कोई और तरीका नहीं था. वह लड़ते हुए गिरे, उन लोगों की रक्षा करते हुए जिनसे वह सबसे ज्यादा प्यार करते थे.”

स्ट्रीट कैमरा फुटेज से पता चलता है कि रूवेन आतंकियों को देखकर भागे नहीं, वह लोगों की जान बचाने के लिए उनकी तरफ दौड़े. वीडियो में, रूवेन हाथ में पत्थर लिए हुए एक आतंकवादी को डिस्ट्रैक्ट करने और उसका सामना करने के लिए उसकी तरफ बढ़ते हुए दिख रहे हैं. उसने भीड़ को भागने के लिए कुछ पल का समय दिया.

एक रब्बी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "जितनी देर उसने आतंकियों को रोका, उतने ही समय में दूसरे यहूदी भागने, छिपने और बचने में कामयाब रहे. दुख की बात है कि दूसरे हमलावर ने उसे गोली मार दी। लेकिन अपने कामों से उसने दर्जनों, शायद सैकड़ों यहूदियों की जान बचाई। वह सिर्फ 'हमले में मारा नहीं गया,' उसने सचमुच दूसरों के लिए अपनी जान दे दी."

गुटनिक से जब ये पूछा गया कि उन्हें अपने पिता का फुटेज देखकर क्या लगा, तो उन्होंने कहा, "वही हैं वे. वहीं मेरे पापा हैं. जैसा कि मैं उन्हें यिद्दिश में पुकारती थी, मेरे टाटी."

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गुटनिक ने कहा कि जो कोई भी उन्हें जानता था, वह जानता था कि वे कितने अद्भुत इंसान थे, वे इस दुनिया के लिए बहुत बड़े थे. उन्होंने जो रोशनी फैलाई, उनकी असीम और अंतहीन उदारता, उनका हास्य बोध. वे बस सबसे अद्भुत व्यक्ति थे.

"मॉरिसन चबाड समुदाय के सदस्य थे और एक व्यापारी थे, जो सोवियत संघ से आए थे. सिडनी में उन्होंने अपने यहूदी पहचान की खोज की. 

रुवेन मॉरिसन का समय सिडनी और मेलबर्न में गुजरता था. वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहते थे. 

चावी ब्लॉक, जिन्होंने अपने छह महीने के बच्चे के साथ बंदूकधारी से खुद को बचाया था, और मारे गए कई लोगों को जानती थीं, उन्होंने कहा कि मॉरिसन एक बहुत दयालु इंसान थे. 

अब तक 15 लोगों की मौत, एक आतंकी भी ढेर

14 दिसंबर 2025 को सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समदुाय के हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले में अब तक 15 लोग मारे गए हैं, जिसमें एक 10 साल की बच्ची भी शामिल है. इस अटैक में दो हमलावर शामिल थे जो रिश्ते में बाप-बेटे थे. पहला आतंकी साजिद 54 साल का साजिद अकरम था और दूसरा नवीद अकरम 24 साल का था. साजिद को पुलिस ने मौके पर ही मार गिराया, जबकि नाविद गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में है, जहां उस पर आतंकवाद संबंधी आरोप लगाए जाने की तैयारी है. 
 

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