बांग्लादेश में 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों की तारीख घोषित होने के कुछ ही घंटों बाद देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बांग्लादेश आवामी लीग ने चुनाव कार्यक्रम को सख्त शब्दों में खारिज कर दिया है. पार्टी ने इसे गैरकानूनी सरकार की गैरकानूनी चुनाव आयोग की घोषणा बताते हुए कहा कि इस माहौल में स्वतंत्र, निष्पक्ष और जन-प्रतिनिधिक चुनाव संभव नहीं है.
एक विस्तृत बयान जारी करते हुए आवामी लीग ने मौजूदा अंतरिम सरकार को कब्जेदार और फासीवादी करार दिया और कहा कि मौजूदा चुनाव आयोग पूरी तरह पक्षपाती है. बयान में कहा गया, “इस गैरकानूनी शासन के नियंत्रण में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जनता की इच्छा को प्रतिबिंबित करने वाला माहौल संभव ही नहीं है.”
पार्टी ने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार जाने-बूझकर आवामी लीग को चुनाव प्रक्रिया से बाहर रखकर देश को अस्थिरता की ओर धकेल रही है. बयान में कहा गया, “मुक्ति संग्राम का नेतृत्व करने वाली पार्टी को चुनाव से बाहर करके चुनाव कराना देश को गहरे संकट में धकेलने की साजिश है.”
पार्टी ने याद दिलाया कि उसने अब तक हुए 13 राष्ट्रीय चुनावों में से 9 जीते हैं और वह हमेशा जनता के जनादेश से सत्ता में आई है. आवामी लीग ने जोर दिया कि चुनाव से पहले कई कदम उठाए जाएं. इनमें पार्टी पर लगा प्रतिबंध तत्काल हटाया जाए, शेख हसीना व अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज सभी ‘मनगढ़ंत’ मामले वापस लिए जाएं, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और चुनाव कराने के लिए एक तटस्थ केयरटेकर सरकार नियुक्त की जाए.
पार्टी ने चेतावनी दी कि इन शर्तों को नजरअंदाज कर चुनाव कराने का कोई भी प्रयास जनता की इच्छा के खिलाफ जाएगा. बयान के अंत में पार्टी ने साफ कर दिया कि वह घोषित चुनाव कार्यक्रम को स्वीकार नहीं करती. आवामी लीग ने कहा, “देश की बहुसंख्यक जनता के प्रतिनिधियों को बाहर रखकर जारी किया गया यह चुनाव कार्यक्रम पूरी तरह अवैध और अस्वीकार्य है. आवामी लीग इसे खारिज करती है.”