पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक बांग्लादेशी लिबरल ब्लॉगर को गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला कि वो लंबे समय से बिना किसी वैध दस्तावेज के पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कल्याणी इलाके में रह रहा था. बताया जा रहा है कि उसने अपने पड़ोस में अपनी पहचान और राष्ट्रीयता छिपाने की कोशिश की थी. लेकिन कल्याणी पुलिस स्टेशन (रानाघाट पुलिस जिला) को गुप्त सूत्रों से इस व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली थी. एक हफ्ते की जांच के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.
साल 2017 में भारत आया था
एक अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि हमें सूचना मिली थी कि एक बांग्लादेशी नागरिक जिसकी पहचान मुफ्ती अब्दुल्लाह हफीज अल मसूद के रूप में हुई है. वो बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले के नजीरपुर इलाके का रहने वाला है और वर्तमान में पश्चिम बंगाल के कल्याणी के गोकुलपुर इलाके में किराए के मकान में रह रहा है. सूचना मिलने के बाद हमारी टीम ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया.
अधिकारी ने आगे बताया कि शुरुआत में उसने दावा किया कि उसके पास पासपोर्ट और वीजा समेत सभी वैध दस्तावेज हैं. हमने उसके दस्तावेज संबंधित विभागों को जांच के लिए भेज दिए हैं और उसके भारत में ठहरने की जानकारी केंद्र सरकार से भी मिलाई है.
पुलिस जांच में पता चला कि वो साल 2017 में भारत आया था और कई जगहों पर रहने के बाद अप्रैल 2025 में नादिया जिले के गोकुलपुर में स्थायी रूप से रहने लगा. उसका पासपोर्ट 2020 में समाप्त हो गया था और 2024 में दोबारा बना लेकिन उसका वीजा 2020 में ही खत्म हो गया था और उसके बाद से उसके पास भारत में रहने की कोई वैध अनुमति नहीं थी.
क्या कहती है पुलिस
रणाघाट पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक आशिष मौर्य ने India Today से बातचीत में कहा कि बांग्लादेशी नागरिक 2017 में वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत आया था, लेकिन उसका वीजा और पासपोर्ट दोनों 2020 में खत्म हो गए. इसके बावजूद उसने बिना वैध दस्तावेजों के देश में रहना जारी रखा और किसी भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया. आरोपी को विदेशी नागरिक अधिनियम समेत संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट में पेशी के बाद न्यायाधीश ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
इसलिए दर्ज हुआ केस
प्रारंभिक जांच में ये भी सामने आया है कि मसूद पहले बांग्लादेश में एक फ्री-थिंकिंग ब्लॉगर था जो अपने यूट्यूब चैनल पर नास्तिकता और ईश्वर के अस्तित्व पर बात करता था. धार्मिक कट्टरपंथियों के विरोध और धमकियों से बचने के लिए वो 2018 में वैध वीजा पर भारत आया था. लेकिन 2020 में उसका वीजा खत्म होने के बाद वो छिपकर राज्य के अलग-अलग इलाकों में घूमता रहा. हाल ही में वो कल्याणी थाने के क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहा था. पुलिस ने उसे तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी.
वापस भेजा जाएगा बांग्लादेश?
पूछताछ में जब वो अपने ठहरने के वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाया तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में CID और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी हिस्सा लिया. इस गिरफ्तारी ने स्थानीय लोगों में भी चर्चा पैदा कर दी है. पुलिस ने उस मकान के आस-पास के लोगों से भी पूछताछ की है. कल्याणी पुलिस स्टेशन का कहना है कि आगे की जांच के बाद ये तय किया जाएगा कि उसके खिलाफ और क्या कानूनी या इमीग्रेशन संबंधी कार्रवाई की जाएगी जिसमें संभव है कि उसे वापस बांग्लादेश भेजने (डिपोर्टेशन) की प्रक्रिया भी शामिल हो.