बिजनौर जनपद के नजीबाबाद थाना क्षेत्र के जलालाबाद इलाके में मंगलवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक पटाखा फैक्ट्री में अचानक तेज धमाके के साथ विस्फोट हो गया. धमाका इतना भीषण था कि आसपास का इलाका दहल उठा और फैक्ट्री परिसर में आग की लपटें उठने लगीं. इस हादसे में फैक्ट्री में काम कर रहे एक मजदूर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. विस्फोट की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मजदूर का सिर धड़ से अलग हो गया, जिससे वहां मौजूद लोग सन्न रह गए.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह के समय फैक्ट्री में रोज की तरह काम चल रहा था. अचानक जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद आग फैल गई और धुएं का गुबार आसमान में उठता दिखाई दिया. धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. आसपास के ग्रामीण और राहगीर घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े, लेकिन आग और विस्फोट के खतरे को देखते हुए कोई भी अंदर जाने की हिम्मत नहीं कर सका. कुछ ही मिनटों में पूरे इलाके में भगदड़ जैसा माहौल बन गया. सूचना मिलते ही नजीबाबाद थाना पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य संबंधित विभागों की टीमें मौके पर पहुंचीं. फायर ब्रिगेड कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेरकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी, ताकि कोई अनहोनी न हो. जिस शेड में विस्फोट हुआ, वह खुले स्थान पर एक पेड़ के नीचे बना बताया जा रहा है, जहां पटाखों से संबंधित सामग्री रखी और तैयार की जा रही थी.
हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से इसी फैक्ट्री में काम कर रहा था. मजदूर की मौत की खबर मिलते ही उसके परिजनों में कोहराम मच गया. परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और प्रशासन से न्याय की मांग करने लगे. उनका कहना था कि फैक्ट्री में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे और लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ.
इस पूरे मामले पर बिजनौर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने बताया कि नजीबाबाद क्षेत्र की एक पटाखा फैक्ट्री में सुबह के समय विस्फोट की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंचकर जांच की गई, जिसमें एक मजदूर की मौत की पुष्टि हुई है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री के पास वैध लाइसेंस है, जिसकी वैधता वर्ष 2029 तक है. उन्होंने कहा कि फायर सर्विस और फील्ड यूनिट की टीमें घटनास्थल पर जांच कर रही हैं और सभी पहलुओं को खंगाला जा रहा है. यदि जांच में किसी प्रकार का नियम उल्लंघन या लापरवाही सामने आती है, तो फैक्ट्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस निरस्तीकरण और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करना भी शामिल है.
वहीं, जब इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो क्षेत्राधिकारी नजीबाबाद नीतीश प्रताप ने एक मजदूर की मौत की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि इस हादसे में किसी अन्य व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि विस्फोट के समय फैक्ट्री में कितने मजदूर काम कर रहे थे और सुरक्षा मानकों का कितना पालन किया जा रहा था. घटना के बाद से जलालाबाद और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है. लोग पटाखा फैक्ट्रियों में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की फैक्ट्रियां अक्सर रिहायशी इलाकों या खुले स्थानों के पास संचालित होती हैं, जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होते. पहले भी जिले में पटाखा फैक्ट्रियों में हादसे हो चुके हैं, लेकिन हर बार जांच और कार्रवाई के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.
प्रशासन की ओर से यह भी जांच की जा रही है कि विस्फोट किन परिस्थितियों में हुआ. क्या यह किसी तकनीकी खामी का नतीजा था, या फिर मानवीय लापरवाही के चलते हादसा हुआ, इस पर जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी. फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से नमूने एकत्र किए हैं, ताकि विस्फोट के कारणों का पता लगाया जा सके. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच जारी है. प्रशासन का दावा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन स्थानीय लोगों की निगाहें अब जांच रिपोर्ट और आगे होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं.