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'मैं रात-दिन इंतजार करता रहा फिर भी नहीं बुलाया', अयोध्या राम मंदिर के न्यौते को लेकर बोले सपा सांसद अवधेश प्रसाद

सैफई में एक शादी समारोह के दौरान सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने बताया कि उन्हें अयोध्या राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम का कोई निमंत्रण नहीं मिला, जबकि वे दिन-रात इंतजार करते रहे. उन्होंने कहा कि उनके परिवार में पीढ़ियों से सभी के नाम ‘राम’ से जुड़े हैं, फिर भी उन्हें नहीं बुलाया गया. उनका बयान सियासत में चर्चा का विषय बन गया है. उन्होंने कहा कि राम के प्रति उनकी आस्था किसी निमंत्रण पर निर्भर नहीं.

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सपा सांसद अवधेश प्रसाद- (File Photo: ITG)
सपा सांसद अवधेश प्रसाद- (File Photo: ITG)

उत्तर प्रदेश के सैफई में आयोजित एक शादी समारोह में पहुंचे समाजवादी पार्टी के फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद ने अयोध्या राम मंदिर के निमंत्रण पत्र को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए न तो कार्ड मिला और न ही निमंत्रण भेजा गया, जबकि वे लगातार उम्मीद करते रहे कि कोई प्रतिनिधि उन्हें बुलाने आएगा.

रात-दिन इंतजार किया, फिर भी निमंत्रण नहीं आया
सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, 'मैं इंतजार करता रहा. रात में भी, दिन में भी. मुझे लगा कहीं ऐसा न हो कि कार्ड देने वाला वापस चला जाए. लेकिन इसके बावजूद मुझे निमंत्रण नहीं मिला.' उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के महत्व को देखते हुए उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें जरूर आमंत्रित किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

'हमारे परिवार में हर नाम राम से जुड़ा है'
सपा सांसद ने बताया कि उनके परिवार में राम नाम की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है. उन्होंने कहा,
'मेरे पिताजी, बाबा, नाना लगभग सभी रिश्तेदारों के नाम राम से मिलकर बने हैं. हमारे घर में राम नाम पीढ़ियों से है, फिर भी हमें नहीं बुलाया गया.'

राजनीतिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अहम बयान
अवधेश प्रसाद का यह बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. अयोध्या राम मंदिर और उसके निमंत्रण को लेकर पहले भी कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है, लेकिन सपा सांसद का यह बयान खास इसलिए भी है क्योंकि वे फैजाबाद से सांसद हैं, यानी उसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां राम मंदिर स्थित है.

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उनका यह कहना कि लगातार इंतजार करने के बावजूद कोई निमंत्रण नहीं आया, कई राजनीतिक संकेत छोड़ता है. इसे लेकर सोशल मीडिया और स्थानीय राजनीति में भी चर्चा तेज हो गई है. अवधेश प्रसाद ने हालांकि यह भी स्पष्ट किया कि राम के प्रति उनकी आस्था एक परंपरा है, जिसे किसी आमंत्रण से मापा नहीं जा सकता.

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