उत्तर प्रदेश के बांदा में एक अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाला सामने आया है. यहां बगैर टिकट यात्री के रोडवेज बस में मिलने पर रोडवेज के एआरएम ने महिला कंडक्टर को पहले सस्पेंड किया, फिर बाद में जांच के बाद नौकरी खत्म कर दी. लेकिन ये सब उन्हें महंगा पड़ गया क्योंकि महिला कंडक्टर छेड़खानी जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत लेकर सीधे पुलिस के पास पहुंच गयी. जिससे विभाग में हड़कंप मच गया.
पुलिस ने कंडक्टर को डीएम के पास भेजकर जांच शुरू कर दी है. वही एआरएम मुकेश बाबू का कहना है कि यदि महिला कंडक्टर के एक भी आरोप सही पाए जाए तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए. उन्होंने शासन के निर्देश पर प्रवर्तन का काम किया है, बगैर टिकट 9 यात्री पकड़े थे, जांच के बाद सस्पेंड और बर्खास्त करने की कार्रवाई की है. इसी वजह से कंडक्टर तरह तरह के आरोप लगाकर उन्हें बदनाम कर रही है. फिलहाल पूरे प्रकरण की जांच डीएम ने अफसरों को दी है. ये मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
दरअसल, रोडवेज बसों में ड्राइवर कंडक्टर चोरी न करें इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा प्रवर्तन टीम बनाकर चेकिंग की जाती है, एआरएम के मुताबिक बीते दिनों जिस बस की चेकिंग की गई, उसमे महिला कंडक्टर द्वारा कथित तौर पर 9 यात्री बगैर टिकट के मिले. टिकट न काटने का कारण पूछा गया, सही जवाब न मिलने पर महिला कंडक्टर को ड्यूटी से हटाकर सस्पेंड कर दिया. बाद में जांच पूरी होने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया.
एआरएम का कहना है कि इसी से परेशान महिला कंडक्टर पुलिस के पास झूठी शिकायत लेकर पहुंच गयी. यदि उन्हें आरोप लगाना था तो बर्खास्त के पहले क्यों नहीं लगाया. एआरएम मुकेश बाबू गुप्ता का यह भी कहना है कि उन्होंने डीएम से कहा है कि जांच करा ली जाए, यदि महिला कंडक्टर के एक भी आरोप सही पाए, तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए. वहीं महिला कंडक्टर ने एआरएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल इस पूरे मामले के डीएम जे रिभा ने जांच के आदेश दिए हैं.