उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद दुर्दांत अपराधियों और माफियाओं की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर राज्य की जेलों में सीसीटीवी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम से लैस किया गया है.
प्रदेश की पांच हाई सिक्योरिटी जेलों में ड्यूअल व्यू स्कैनर बैगेज, फुल ह्यूमन बॉडी वार्न स्कैनर, मुलाकात घर के लिए कांटेक्ट लैस ग्लास समेत नई टेक्नोलॉजी से सुसज्जित कई उपकरणों को लगाया गया है.
जेल विभाग की ओर से शासन को इस संबंध में एक प्रपोजल बनाकर भेजा गया था, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कारागार प्रशासन और सुधार विभाग को बजट जारी कर दिया था. इस बजट से जेलों की सभी कमियों को पूरा किया गया है.
वीडियो कांफ्रेंसिंग से बंदियों की हो रही रिमांड
प्रदेश की जेलों में बंद विचाराधीन बंदियों की रिमांड वीडियो कान्फ्रेसिंग से कराने के लिए अब तक 145 वीडियो कान्फ्रेसिंग हॉल बनाए जा चुके हैं. इसमें 72 कारागार और 73 जिला न्यायालय शामिल हैं.
वहीं प्रदेश के पांच हाई सिक्योरिटी जेलों लखनऊ, आजमगढ़, चित्रकूट, गौतमबुद्ध नगर और केंद्रीय कारागार बरेली में 5 ड्यूअल व्यू स्कैनर बैगेज, 5 फुल ह्यूमन बॉडी वार्न स्कैनर, 130 मुलाकात घर के लिए कान्टेक्ट लेस ग्लास, 5 पैनिक अलार्म सिस्टम, 15 नाइट विजन बाइनाकुलर और 5 लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम ईएसई यूनिट लगाया जा चुका है. वहीं हाई सिक्योरिटी वाले जेलों के अलावा वीडियो कान्फ्रेंसिंग से प्रस्तावित बैठकों के लिए मल्टी कान्फ्रेंस यूनिट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.
एआई से मिल रहा अलर्ट
जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और चाकचौबंद करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सीसीटीवी सर्विलांस यूनिट्स की स्थापना की जा रही है. इसके साथ ही कारागार में संवेदनशील स्थलों को चिह्नित करते हुए हर कारागार में कम से कम 30 कैमरों को लगाया गया है.
वर्तमान में राज्य के सभी कारागारों में लगभग 3600 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं. इतना ही नहीं इन कैमरों की संख्या में वृद्धि, 30 कारागारों में स्टोरेज सहित सर्वर की व्यवस्था का काम पूरा किया जा चुका है.
प्रदेश के कारागारों में स्थापित सीसीटीवी कैमरों के फीड को मुख्यालय में भेजकर उच्च स्तरीय निगरानी के लिए कमांड सेन्टर स्थापित किया जा चुका है, जिससे कारागारों में स्थापित कैमरों की लाइव फीड प्राप्त हो रही है. अभी तक 1200 से अधिक कैमरे इसमें संयोजित हो चुके हैं, जिन्हें आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स (एआई) के जरिये अलर्ट मिलता है.
जल्द ही इन सुविधाओं से लैस होंगे कई जेल
प्रदेश के दस कारागार नैनी, फतेहगढ़, आगरा, वाराणसी और जिला कारागार मेरठ, बुलन्दशहर, हरदोई, फिरोजाबाद, सहारनपुर और आगरा में बॉडी वार्न कैमरों के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है. वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद इन जेलों को भी हाई टेक बनाया जाएगा.
केंद्रीय कारागार नैनी, फतेहगढ़, बरेली, आगरा, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, कानपुर नगर, गाजियाबाद, मेरठ, बुलन्दशहर, वाराणसी, अलीगढ़, सीतापुर, फिरोजाबाद, खीरी, मुरादाबाद, कानपुर देहात, झांसी शाहजहांपुर एवं बाराबंकी में लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम की स्थापना के लिए भी सरकार को चिट्ठी लिखी गई है.