पेरिस में काम कर रहे एक भारतीय प्रोफेशनल का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छेड़े हुए है. इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहे इस वीडियो में शख्स ने विदेश में भारतीय सहकर्मियों के साथ काम करने के अपने अनुभव खुलकर बताए हैं. उसका दावा है कि कई भारतीय कर्मचारी अपने काम पर ध्यान देने के बजाय दूसरों की छोटी-छोटी गलतियां निकालने में ज्यादा रुचि लेते हैं.
वीडियो में वह कहता है कि अगर कोई कर्मचारी सिर्फ 5 मिनट लेट हो जाए, तो उसे इस तरह मैनेजर तक पहुंचाया जाता है जैसे कोई बहुत बड़ा अपराध हो गया हो. वहीं, जो समय से पहले आता है, वह इसे दिखावे का जरिया बना लेता है और दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है.
‘गॉसिप, बैकबाइटिंग और शिकायतें रोजमर्रा की बात’
शख्स का आरोप है कि कुछ भारतीय कर्मचारियों के बीच गॉसिप, बैकबाइटिंग और शिकायतें ऑफिस लाइफ का हिस्सा बन चुकी हैं. उसने कहा कि वह खुद को खुशकिस्मत मानता है कि जिस प्रोजेक्ट पर वह काम कर रहा है, उसमें वह अकेला भारतीय है, जिससे वह रोज के ड्रामे और आपसी राजनीति से बचा हुआ है.
‘ये सिर्फ भारत में नहीं, बाहर भी वही हाल’
वीडियो में उसने साफ शब्दों में कहा,एक भारतीय दूसरे भारतीय का दुश्मन बन जाता है. ये सिर्फ भारत में नहीं, बाहर भी वही हाल है.उसके मुताबिक, पेरिस में लोकल कर्मचारी ऑफिस पॉलिटिक्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, लेकिन भारतीय कर्मचारी अक्सर एक-दूसरे के खिलाफ ही साजिशें रचते रहते हैं. इसका असर टीमवर्क पर पड़ता है और पूरा वर्क एनवायरनमेंट धीरे-धीरे टॉक्सिक हो जाता है.
‘मैनेजर खुद 10 बजे आता है, 12 बजे निकल जाता है’
वीडियो का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा तब सामने आता है जब वह बताता है कि जिन मैनेजर्स के सामने ये छोटी-छोटी शिकायतें पहुंचाई जाती हैं, वे खुद सुबह 10 बजे ऑफिस आते हैं और दोपहर 12 बजे निकल जाते हैं. इसके बावजूद भारतीय कर्मचारी आपस में ही एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं.
सोशल मीडिया पर लोगों का फूटा गुस्सा
इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूज़र्स की प्रतिक्रियाएं भी काफी तीखी देखने को मिल रही हैं.एक यूज़र ने लिखा कि इसी वजह से 300 साल तक हम पर राज किया गया, उन्हें पता था हम बंटे हुए हैं.अमेरिका में काम कर चुके एक व्यक्ति ने कमेंट में लिखा कि उसने तय कर लिया है कि जरूरत पड़े तो कार में रह लेगा, लेकिन देसी मैनेजर्स के नीचे काम नहीं करेगा.एक साउथ एशियन यूजर ने लिखा कि वर्कप्लेस में भारतीय मैनेजर्स से दूर रहना ही बेहतर है. ये मैंने अपने कड़वे अनुभव से सीखा है.
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वेतन घोटाले का भी आरोप
एक अन्य यूज़र ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि कुछ भारतीय मैनेजर्स ने US लेबर डिपार्टमेंट के नियमों के बावजूद कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया. ऑडिट में सामने आया कि कंपनी पर कर्मचारियों के 100,000 डॉलर से ज्यादा बकाया थे, लेकिन जानबूझकर पेमेंट चेक छुपा दिया गया. समय निकल जाने की वजह से कर्मचारी कानूनी तौर पर भी अपना पैसा वापस नहीं पा सके.
इस वीडियो ने एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारतीय प्रोफेशनल्स विदेश जाकर भी वही ऑफिस पॉलिटिक्स दोहराते हैं, या ये सिर्फ कुछ लोगों के निजी अनुभव हैं. फिलहाल सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस थमने का नाम नहीं ले रही है.