अमेरिका में एक इंजीनियर की कहानी वायरल है, जो ऑफिस पहुंचने के लिए रोजाना 1,200 मील का लंबा सफर तय करता था. फ्लाइट, ड्राइव और ट्रेन.तीनों के सहारे पूरी होने वाली यह जर्नी किसी मैराथन से कम नहीं थी. जानिए वह ऐसा क्यों करता था और इसका उसकी जिंदगी पर क्या असर पड़ा.
CNBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के इस इंजीनियर की सुपर-कम्यूटिंग चर्चा में है. वह हर रोज ऑफिस पहुंचने के लिए फ्लाइट, ड्राइव और ट्रेन—तीनों का इस्तेमाल करता था. 1,200 मील का यह सफर न सिर्फ उसकी जेब पर भारी पड़ा, बल्कि सेहत पर भी बुरा असर दिखाने लगा.
कैसे शुरू हुई यह मुश्किल भरी जर्नी?
31 वर्षीय एंड्रयू रेंडन और उनकी पत्नी पहले न्यू जर्सी में रहते थे, लेकिन वहां घर खरीदना उनके बजट से बाहर था. इसी दौरान उनकी पत्नी को अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में नौकरी मिल गई और दोनों वहां शिफ्ट हो गए. हालांकि, रेंडन की नौकरी अभी भी न्यू जर्सी में ही थी, जहां उन्हें हफ्ते में ऑफिस से काम करना अनिवार्य था.यहीं से 1,200 मील की जर्नी की शुरुआत हुई.
रोजाना की थका देने वाली रूटीन
रेंडन सुबह 2 बजे उठते, 3 बजे कार से 2.5 घंटे ड्राइव कर रैलेग एयरपोर्ट पहुंचते. यहां से वे सस्ती फ्लाइट पकड़कर न्यू जर्सी जाते. लगभग 5–2 घंटे की उड़ान के बाद वे ट्रेन से ऑफिस पहुंचते.
दोपहर और शाम ऑफिस में बिताने के बाद वे होटल में ठहरते, फिर अगले दिन काम खत्म होने पर फ्लाइट पकड़कर नॉर्थ कैरोलिना लौटते. यह सिलसिला लगभग 10 महीनों तक चला.
हर महीने 1.68 लाख रुपये तक का खर्च!
इस कम्यूट का खर्च शुरू में 1,200 डॉलर (करीब 1 लाख रुपये) था, जो बाद में बढ़कर 1,800–2,000 डॉलर (करीब 1.50–1.68 लाख रुपये) तक पहुंच गया.खर्च में शामिल थे पेट्रोल,फ्लाइट टिकट और होटल में ठहरने का खर्च है.रेंडन के मुताबिक, यह यात्रा बेहद थकाने वाली थी. लगातार ट्रैवल और नींद की कमी की वजह से वे बार-बार बीमार पड़ने लगे और उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा.
पे-कट लेकर बदलनी पड़ी नौकरी
लगातार परेशानियों के बाद रेंडन ने नॉर्थ कैरोलिना में नौकरी तलाशना शुरू किया, लेकिन जॉब मार्केट की स्थिति अच्छी न होने के कारण यह आसान नहीं था. आखिरकार उन्हें 40,000 डॉलर (लगभग 33 लाख रुपये) सालाना पे-कट स्वीकार करना पड़ा.अब वे अपने घर के पास नई नौकरी कर रहे हैं और राहत महसूस कर रहे हैं.