कलेक्टर के पास पहुंचकर भी बुजुर्ग को विश्वास नहीं हो रहा था कि खुद कलेक्टर साहब उनसे मुखातिब हैं. बुजुर्ग बार-बार उनसे गुहार लगा रहा था - मुझे अंदर ले चलिए, मैं कलेक्टर साहब से बात करना चाहता हूं. ये सुनकर दातिया कलेक्टर स्वपनिल वानखेड़े सहित वहां मौजूद अन्य अफसरों के चेहरे पर भी मुस्कान आ जाती है.
दातिया के कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई का ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में कलेक्टर से मिलकर भी एक बुजुर्ग यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि वहीं साहब है. बुजुर्ग की इस मासूमियत को देखकर दातिया कलेक्टर स्वपिनल वानखेड़े हंसने लगते हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है.
खुद कलेक्टर ने भी शेयर किया है ये वीडियो
खुद स्वपनिल वानखेड़े ने भी इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए कलेक्टर साहब ने लिखा है - “नहीं… मुझे कलेक्टर साहब से ही मिलना है.” – उनकी यह सरल बात दो बार दोहराई गई, और जनसुनवाई कक्ष में एक हल्की मुस्कान फैल गई.
आज जनसुनवाई में एक बुज़ुर्ग नागरिक पेंशन संबंधी समस्या लेकर उपस्थित हुए. उन्हें आश्वस्त किया गया कि उनकी समस्या कार्य स्थल पर ही निपटा दिया जाएगा तथा सामने उपस्थित अधिकारी ही कलेक्टर हैं. लेकिन बुज़ुर्ग नागरिक ने पुनः मुस्कुराते हुए कहा - नहीं… मुझे तो कलेक्टर साहब से ही मिलना है.
इस मासूम प्रतिक्रिया ने पूरे जनसुनवाई के दौरान मौजूद सभी चेहरे पर मुस्कान ला दी. स्वपनिल वानखेड़े ने आगे लिखा है - प्रशासन की वास्तविक पहचान केवल आदेशों और फ़ाइलों से नहीं बनती,बल्कि ऐसे सरल और सच्चे मानवीय संवादों से मजबूत होती है.
हाफ स्वेटर पहन लोगों का काम करते दिख रहे कलेक्टर
वीडियो में कलेक्टर स्वपनिल वानखेड़े एक हाफ स्वेटर पहने लोगों से उनकी समस्या सुनते नजर आ रहे हैं. उनकी सादगी और सरल व्यवहार ऐसी दिख रही है कि जो उन्हें नहीं पहचानता है, वो सहसा विश्वास ही न करे कि साधरण सा दिखने वाला ये शख्स जिला कलेक्टर है. क्योंकि, एक आईएएस ऑफिसर वाली तड़क-भड़क से दूर वो आम लोगों के बीच उनकी की तरह घुल-मिलकर उनका काम करते दिख रहे हैं.
स्वपनिल वानखेडे़ 2016 बैच के आईएएस हैं. वो अक्सर अपने सरल स्वभाव की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. उनकी सौम्यता और हेल्पिंग एटिट्यूड हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है.
लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शंस
इस वीडियो पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया जाहिर की है. एक यूजर ने लिखा है कि सरल व्यवहार को देखकर उन्हें लगा साहब कोई और होगा. एक अन्य ने लिखा कि आजकल तो सरकारी ऑफिस का चपरासी भी अकड़ में रहता है. ऐसे में इतने बड़े अधिकारी का इस सौम्यता से बात कर रहे हैं इसलिए बाबा को यकीन नहीं हुआ.