अंटार्कटिका. दुनिया का आख़िरी छोर. सबसे ठंडा, सबसे वीरान और इंसानों से ज्यादा पेंगुइन वाला महाद्वीप. यहां की जिंदगी इतनी कठोर है कि तापमान –60°C तक गिर जाता है और महीनों तक सूरज दिखाई नहीं देता. इसी बर्फीले मरुस्थल से एक युवक को नौकरी का ऐसा ऑफर मिला कि किसी की भी आंखें फटी रह जाएं. पैकेज था पूरे 1.3 करोड़ रुपये, वह भी सिर्फ छह महीने की पोस्टिंग के लिए.
कागज पर यह ऑफर किसी सपने जैसा था, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा कठिन. ऐसी जगह रहना जहां हवा की आवाज़ भी डर पैदा करती हो, जहां सफेद सन्नाटा इतना गहरा हो कि इंसान खुद से भी दूर महसूस करे—युवक इस चुनौती को लेकर कन्फ्यूज़ हो गया. यही दुविधा उसने सोशल मीडिया पर डाल दी और देखते ही देखते पूरी दुनिया उसकी उलझन में शामिल हो गई.
यह युवक पेशे से एक एनवायरनमेंटल रिसर्चर है और वर्षों से पृथ्वी से जुड़े जलवायु व पर्यावरणीय बदलावों पर काम कर रहा है. अपनी पोस्ट में उसने लिखा कि कंपनी उसे छह महीने के लिए अंटार्कटिका के मैकमर्डो स्टेशन भेजना चाहती है, जो महाद्वीप का सबसे बड़ा रिसर्च बेस है. यहां रहने, खाने, उड़ान और गियर सब कुछ मुफ्त है, यानी खर्च लगभग शून्य. जो कमाई होगी, वह पूरी जेब में जाएगी.
देखें वायरल पोस्ट
लेकिन समस्या सिर्फ नौकरी की कठिनाई नहीं थी. युवक ने बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड सपोर्टिव है, लेकिन छह महीने की दूरी से घबराई हुई है. तीन साल पुराना रिश्ता, और उसके सामने छह महीने का अकल्पनीय अकेलापन. रेडिट पर उसने साफ लिखा-पैसा जिंदगी बदल सकता है, लेकिन क्या हमारा रिश्ता इतनी दूरी झेल पाएगा?
सोशल मीडिया पर इसके जवाबों की बाढ़ आ गई. कई यूजर्स ने लिखा कि अंटार्कटिका जैसा अनुभव जिंदगी में दोबारा नहीं मिलता. कई ने कहा कि मैकमर्डो स्टेशन भले ही रिसर्च टाउन है, लेकिन वहां न परिवार है, न बाजार, न रोशनी सिर्फ बर्फ, तूफान और वैज्ञानिक. एक यूजर ने लिखा कि जिंदगी की सबसे अनोखी जगह तुम्हें बुला रही है, इसे मिस मत करो.