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Diwali 2025: दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को लगाएं ये 7 भोग, कभी नहीं होगी धन की कमी

Diwali 2025: दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के बाद खास तरह के भोग माता लक्ष्मी को चढ़ाए जाते हैं. माता लक्ष्मी को चढ़ाए जाने वाले भोग का विशेष महत्व है. जानते हैं लक्ष्मी मां की मनपंसद 5 भोग बारे में

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माता लक्ष्मी को पंसद है यह भोग (Photo: AI Generated)
माता लक्ष्मी को पंसद है यह भोग (Photo: AI Generated)

20 अक्टूबर सोमवार के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. दिवाली के दिन पूरे विधि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और धन वैभव का आशीर्वाद मिलता है. दिवाली पूजा के बाद मां लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है. चलिए जानते हैं दिवाली पर माता लक्ष्मी को कौन- कौन से भोग लगाए जाते हैं. 

केसर के खीर का भोग- केसर का रंग और सुगंध लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और इससे घर में समृद्धि और सुख-शांति आती है. खीर में काजू, किशमिश, मखाना मिला कर अर्पित करें. 

खील का भोग- खील या गुड़-चावल की मिठाई माता लक्ष्मी को अर्पित करने के लिए बहुत ही शुभ है. 

सिंघाड़े का भोग- सिंघाड़े का भोग माता लक्ष्मी को बहुत पसंद है. इसकी उत्पत्ति भी जल से होती है. 

नारियल,ईख,  अनार - नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है, इसका जल बेहद शुभ माना जाता है. वहीं ईख सफेद हाथी को प्रिय होता है.  अनार माता लक्ष्मी के प्रिय फलों में से एक है. 

सफेद और पीले रंग की मिठाई - सफेद और पीले रंग की मिठाई शांति, पुण्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है. इसे भोग के रूप में अर्पित करने से परिवार में सौभाग्य और सुख-शांति बनी रहती है.  

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पान-  यह  मां लक्ष्मी की पूजा में विशेष महत्व रखता है.  खासकर मीठा पान, जिसे सुपारी, गोंद, मिश्री और गुलाब जल के साथ तैयार किया जाता है, माता लक्ष्मी को अर्पित करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.

मखाना- जैसे मां लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई और उन्हें धन, वैभव और समृद्धि का प्रतीक माना गया, उसी तरह मखाने की उत्पत्ति भी जल से जुड़ी हुई है. 

    

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