अक्सर कत्ल की ऐसी वारदातें सामने आती हैं, जिनसे लोग सिहर उठते हैं. कातिल पुलिस को दमभर छकाता है. इसके लिए वो तरह-तरह की तरकीबें और राहें अख्तियार करता है. कभी-कभी तो खाकी और कातिल के बीच ये आंख-मिचौली का खेल सालों तक चलता है. मगर, कहते हैं न कि कातिल कितना भी शातिर हो, पुलिस ठान ले तो उसकी जगह सलाखों के पीछे ही होती हैं. ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के उदयपुर से आई है.
इस कहानी की शुरुआत होती है साल 2019 से. राहुल राज चतुर्वेदी नाम का शख्स एक मंदिर का पुजारी होता है. ये दावा कोई और नहीं बल्कि वही करता है. इसी साल धानमंडी निवासी भानुप्रिया के साथ वो रहने लगता है. ये सिलसिला दो साल तक चलता है. 2021 में कहासुनी होने के बाद वो भानुप्रिया का कत्ल कर देता है. अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर हत्या के बाद इतने दिन वो पुलिस से कैसे बचा रहा.
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दरअसल, प्रताप नगर थाना पुलिस आर्म्स एक्ट के तहत राहुल राज को गिरफ्तार करती है. इसी दौरान उसकी गतिविधियों और बयानों पर डाउट होने पर पुलिस भानुप्रिया मर्डर केस के बारे में पूछताछ करती है. सख्ती से पूछताछ करने पर वो पूरी सच्चाई उगल देता है. जो कि होश उड़ा देने वाली है.

'शव को टुकड़े-टुकड़े करके जलाया'
उदयपुर एसपी भुवन भूषण यादव के मुताबिक, आरोपी ने बताया, कहासुनी के बाद उसने भानुप्रिया का कत्ल किया था. इसके बाद लाश को ठिकाने के लगाने के लिए खौफनाक साजिश बनाई. उसने 1300 से अधिक बार क्राइम पेट्रोल के एपिसोड देखे. फिर शव को एक लोहे के ड्रम में रखा और ऊपर से सीमेंट डालकर पैक कर दिया.
कुछ समय पहले वो जब किसी काम से बाहर गया हुआ था तो ड्रम में छेद हो गया. इससे कमरे से बदबू आने लगी. इसपर मकान मालिक ने उसको फोन कर बुलाया और सफाई करने को कहा. इसी दौरान उसने मकान मालिक को पूरी कहानी बता दी. हैरानी वाली बात तो ये है कि इसके बाद उसे मकान मालिक का भी साथ मिला. दोनों ने मिलकर ड्रम में बंद भानुप्रिया के शव को टुकड़े-टुकड़े करके जलाया. फिर राख के साथ अन्य सबूतों को राजसमंद की बनास नदी में फेंक दिया.