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भतीजे को बचाने के चक्कर में मां-बेटे भी डूबे, तीन लोगों की मौत से गांव में पसरा मातम

राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार शाम तालाब में डूबने से एक मां, उसके बेटे और भतीजे की मौत हो गई. 13 साल के भतीजे को बचाने के लिए 40 साल की महिला और उसका 12 वर्षीय बेटा तालाब में कूदे लेकिन तीनों की जान नहीं बच सकी. घटना से गांव में शोक छा गया और अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है.

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एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत (Photo: Screengrab)
एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत (Photo: Screengrab)

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में बुधवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना हुई. तालाब में पशुओं को पानी पिलाते समय एक 13 साल का बच्चा गहरे पानी में चला गया. उसे बचाने के प्रयास में 40 साल की लक्ष्मी देवी और उनका 12 साल का बेटा प्रवीण नाथ भी तालाब में कूद गए. गहरे पानी में डूबने से तीनों की मौके पर ही मौत हो गई.

एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत

जानकारी के अनुसार 13 साल के सुनील नाथ तालाब के किनारे पशुओं को पानी पिला रहा था. पानी से बाहर निकलते समय वह अचानक फिसलकर गहरे हिस्से में चला गया और डूबने लगा. यह देख पास ही मौजूद लक्ष्मी देवी और उनका बेटा प्रवीण नाथ उसे बचाने के लिए तालाब में कूद पड़े. लेकिन पानी की गहराई के कारण तीनों की जान नहीं बच सकी.

घटना देखने के बाद वहां मौजूद चरवाहों ने गांव में सूचना दी. बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तीनों को तालाब से निकालकर करेड़ा अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

ग्रामीणों ने डॉक्टरों पर जताई नाराजगी

ग्रामीणों का आरोप है कि हादसे के समय करेड़ा अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे. फोन करने पर भी डॉक्टर देर से पहुंचे. इस लापरवाही पर करेड़ा उपप्रधान सुखलाल गुर्जर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि समय पर चिकित्सक उपलब्ध होते तो शायद जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने मांग की कि अस्पताल में हर समय डॉक्टर मौजूद रहना चाहिए ताकि ऐसे हादसों में तुरंत उपचार मिल सके.

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इधर प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को राज्य आपदा राहत कोष से चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. इस दर्दनाक हादसे से पूरे गांव में मातम का माहौल है और लोग गहरी संवेदना जता रहे हैं.


 

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