मध्य प्रदेश विधानसभा ने बुधवार को अपनी पहली बैठक के 69 साल पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया. यह दिन राज्य की लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. सदन में एक प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें राज्य और विधानसभा के शानदार इतिहास को दिखाया गया.
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सत्र शुरू होने से पहले प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष तोमर, मुख्यमंत्री मोहन यादव, विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और कई अन्य नेता मौजूद थे.
मध्य प्रदेश 1 नवंबर 1956 को अस्तित्व में आया था और विधानसभा का पहला सत्र उसी साल 17 दिसंबर को बुलाया गया था.
बुधवार को एक दिन के विशेष सत्र के लिए सदन की बैठक शुरू होने पर सदस्यों ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल, पूर्व मिजोरम राज्यपाल स्वराज कौशल और राम जन्मभूमि आंदोलन के नेता और पूर्व सांसद राम विलास वेदांती को श्रद्धांजलि दी.
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने समाज में उनके योगदान के बारे में बात की.
सदन ने सागर में हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए बम निरोधक दस्ते के चार कर्मियों को भी श्रद्धांजलि दी.
मुख्यमंत्री मोहन यादव और विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भी दिवंगत नेताओं और पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी.
इसके बाद मृतकों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया और फिर सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.