मध्यप्रदेश पुलिस ने फास्ट फोर्स एक्टिवेटेड सिम अभियान के तहत बड़ा अभियान चलाते हुए उन दुकानदारों को चिह्नित किया है जो भोले-भाले आदिवासी ग्रामीणों से अंगूठे लगवाकर सिम एक्टिवेट कर उन्हें ऑनलाइन ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले गिरोहों तक पहुंचा रहे थे. शहडोल जिले के गोहपारू में दो ऐसे सिम विक्रेताओं को गिरफ्तार किया गया है, जो लंबे समय से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे.
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने आदिवासी ग्रामीणों के आधार पर एक ही व्यक्ति के नाम पर दो सिम एक्टिवेट कर लिए. एक सिम ग्राहक को देकर दूसरी सिम अपने पास रखते थे और बाद में महंगे दामों में ठगों को बेच देते थे. इन्हीं सिम का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड में किया जाता था.
साइबर सेल ने सुराग जुटाकर अमित कुशवाहा और अंकुश साहू को गिरफ्तार किया. पुलिस ने दोनों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर आवश्यक रिकॉर्ड जब्त कर लिया है.
शहडोल एसपी रामजी श्रीवास्तव ने बताया, ''फास्ट फोर्स एक्टिवेटेड सिम अभियान के तहत हमने शहडोल जिले में कार्रवाई की है. अंकुश साहू और अमित कुशवाहा सिम रिटेल आउटलेट संचालित कर भोले-भाले ग्रामीणों से अंगूठे लगाकर सिम एक्टिवेट करते थे. एक सिम ग्राहकों को देते थे जबकि दूसरी सिम महंगे दामों में अपराधियों को बेच देते थे. दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है.''
यह कार्रवाई न केवल साइबर अपराध रोकथाम की दिशा में अहम है, बल्कि यह ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल ठगी के खिलाफ जागरूकता फैलाने की भी जरूरत को बताती है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए सावधानी बरतें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें.