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MP: बीमार जानवरों के लिए बनाया ₹10 लाख का आश्रम, बंदरिया से फीता कटवाकर कराया उद्घाटन; 'इंसानियत' की अनूठी मिसाल

MP के भिंड में इंसानियत ग्रुप 2013 से घायल और बीमार जानवरों की सेवा में लगा है. ग्रुप के संचालक अनंत इंसानियत ने बताया कि उनके संगठन में करीब 150 सदस्य हैं, जो अपने नाम के बाद 'इंसानियत' सरनेम जोड़ते हैं.

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बंदरिया से फीता काटवाते हुए इंसानियत ग्रुप.(Photo:Screengrab)
बंदरिया से फीता काटवाते हुए इंसानियत ग्रुप.(Photo:Screengrab)

मध्य प्रदेश में अक्सर ऐसा कुछ होता है कि पूरे देश में सुर्खियां में छा जाता है. ऐसा ही एक अनोखा दृश्य भिंड में देखने को मिला, जब 10 लाख रुपए की लागत से तैयार हुए आश्रम का फीता एक बंदरिया के हाथों कटवाया गया. इस मौके पर अधिकारी और शहर के गणमान्य नागरिक समेत इंसानियत ग्रुप का संचालक मंडल भी मौजूद रहा. बंदरिया के फीता काटते ही इंसानियत ग्रुप से जुड़े सदस्यों के आंसू छलक आए. 

दरअसल, भिंड का 'इंसानियत ग्रुप' साल 2013 से सक्रिय भूमिका निभा रहा है. भिंड जिले में अलग-अलग स्थान पर मिलने वाले घायल जानवरों को इंसानियत ग्रुप के सदस्य लेकर आते हैं और उनका उपचार करने के बाद उन्हें सुरक्षित वातावरण में छोड़ देते हैं. 

संचालक अनंत इंसानियत बताते हैं कि उनके ग्रुप में तकरीबन 150 लोग जुड़े हुए हैं. इंसानियत ग्रुप से जुड़ा हुआ हर सदस्य अपने नाम के बाद सरनेम यानी उपनाम नहीं लिखता है बल्कि सरनेम के स्थान पर 'इंसानियत' लिखता है. यही वजह है कि इंसानियत ग्रुप के निर्माता अनंत भी अपने नाम के बाद अनंत 'इंसानियत' लिखते हैं. 

सरकार से कोई मदद नहीं ली

खास बात यह है कि इंसानियत ग्रुप की ओर से इन घायल जानवरों की सेवा और उपचार करने के लिए सरकार से कोई मदद नहीं ली जाती है. इंसानियत ग्रुप के सभी सदस्य थोड़ा-थोड़ा पैसा इकट्ठा करके फंड तैयार करते हैं और इसी फंड से बीमार और घायल जानवरों की सेवा और उपचार करते हैं. देखें VIDEO:- 

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इंसानियत ग्रुप ने बनवाया आश्रम

इंसानियत ग्रुप की इस सेवा भाव को देखते हुए तत्कालीन भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने भिंड बस स्टैंड के पास स्थित पशु अस्पताल के परिसर में स्थान दिया. इस परिसर में इंसानियत ग्रुप ने पैसा एकत्रित करके 10 लाख रुपए की लागत से एक आश्रम तैयार करवाया है. इस आश्रम का उद्देश्य घायल जानवरों को उपचार देना है. 

3000 घायल और बीमार जानवरों का कर चुके उपचार

इंसानियत ग्रुप के निर्माता अनंत इंसानियत ने aajtak को फोन कॉल पर बताया कि अब तक वे 3000 से ज्यादा घायल और बीमार जानवरों का उपचार कर चुके हैं और उन्हें सुरक्षित वातावरण में छोड़ चुके हैं. उनके आश्रम में वर्तमान में भी एक दर्जन बंदर, 100 से ज्यादा कुत्ते, 40 से ज्यादा पंछी, गिलहरी और बिल्लियां मौजूद हैं, जो या तो बीमार हैं या घायल हैं. इन सभी जानवरों का इंसानियत ग्रुप के सदस्यों द्वारा बड़े सेवा भाव से उपचार किया जाता है. 

भिंड जिले के अतिरिक्त प्रदेश के अन्य स्थानों से भी घायल जानवरों को यहां लाया जाता है और उनका उपचार किया जाता है. जब जानवर पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं तो उन्हें खुले वातावरण में छोड़ दिया जाता है. सोमवार को जब इस आश्रम का फीता रोमा नाम की बंदरिया से कटवाए गया. 

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3 महीने पहले घायल हालत में मिली थी 'रोमा'

अनंत इंसानियत ने बताया कि रोमा नाम की बंदरिया उन्हें 3 महीने पहले घायल अवस्था में मिली थी. इस बंदरिया का उन्होंने उपचार किया और अब इसी बंदरिया रोमा के हाथों उन्होंने आश्रम का फीता कटवाया. आश्रम का फीता कटते ही इंसानियत ग्रुप के सदस्यों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.

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