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Heat Stroke: गर्मी में लू लगने पर बॉडी में दिखते हैं ये संकेत, जानें इससे कैसे बचें

हीट स्ट्रोक यानी लू एक खतरनाक स्थिति है जिसमें आपका शरीर बाहर और अंदर की गर्मी की वजह से खुद के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को खो देता है. इसकी वजह से आपको चक्कर आने और बेहोशी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. अगर आप इस मौसम में सावधानी बरतते हैं तो आप लू और गर्मी से होने वाली कई परेशानियों से बच सकते हैं.

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PC: Getty
PC: Getty

भारत में कई इलाकों में तेज गर्मी पड़ना शुरू हो गई है. उत्तर भारत के राज्यों में पिछले दो दिन से तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया. दिल्ली के अलावा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा के कई शहरों में भी गर्मी और लू का प्रकोप जारी है. कई इलाकों में सूरज की तपिश बढ़ने से दोपहर के समय बहुत तेज गर्म हवाएं चल रही हैं जिससे हीट स्ट्रोक यानी लू लगने का खतरा  रहता है. अक्सर लोग लू को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो सकती है. 

क्यों लगती है लू

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के एरिजोना की यूनिवर्सिटी ऑफ फीनिक्स में नर्सिंग कॉलेज की डीन कैथलीन ओग्रेडी विंस्टन बताती हैं कि हमारे शरीर के अंदर मेटाबॉलिक प्रक्रिया होती है जिससे शरीर में गर्मी पैदा होती है, ऐसे में बढ़ा हुआ तापमान बाहर या पर्यावरण के कारण से होने वाली गर्मी के साथ मिलकर शरीर को बहुत ज्यादा परेशान कर सकता है.'

उन्होंने कहा, 'इससे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है. ये समस्या आमतौर पर तब होती है जब शरीर अपने सामान्य तरीकों, खास तौर पर पसीने के जरिए ठंडा नहीं हो पाता. जब ऐसा होता है तो शरीर का तापमान शरीर के मेटाबॉलिक सिस्टम के ठंडा होने की तुलना में तेजी से बढ़ता है. तापमान में वृद्धि और लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने के परिणाम काफी खतरनाक हो सकते हैं जिससे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान भी हो सकता है.'

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अमेरिका के ओहियो में स्थित नॉन प्रॉफिट मेडिकल सेंटर क्लीवलैंड क्लीनिक ने भी अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि हीट स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है जिसमें गर्मी आपके शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को खत्म कर देती है. इसकी वजह से चक्कर, बेहोशी, धुंधलापन, बोलने में दिक्कत और भ्रम जैसे कारण भी शामिल हैं. हीट स्ट्रोक के कारण रक्त प्रवाह कम हो जाता है और महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचता है. हीट स्ट्रोक के लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. इसके अलावा इसकी वजह से कई और समस्याएं भी हो सकती हैं.

1.निर्जलीकरण
2.सांस लेने में दिक्कत
3. शरीर में ऐंठन
4.स्किन पर दाने
5.मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
6.ब्लड प्रेशर का लो होना
7.गुर्दे की क्षति

हीट स्ट्रोक से कैसे बचें

1. बाहरी गतिविधियों को सीमित करें
बाहर की जाने वाली कोई भी गतिविधि शाम या सुबह के समय में करें. सुबह 4 बजे से 7 बजे तक का समय सबसे अच्छा है. धूप में हेवी फिजिकल एक्टिविटी ना करें और जितना संभव हो छाया में रहें.

2. सनस्क्रीन लगाएं
हर दिन सनस्क्रीन लगाना जरूरी है खासकर जब बाहर गर्मी हो. सनबर्न गर्मी से जुड़ी समस्याओं को और बढ़ा सकता है. सनबर्न शरीर की खुद को ठंडा करने की क्षमता को बाधित करता है और निर्जलीकरण को बढ़ाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सनबर्न त्वचा की सतह से तरल पदार्थ खींचता है. ज्यादा गर्मी के कारण शरीर के तरल पदार्थ शरीर से बाहर निकलने लगते हैं. अगर आपको सनबर्न हो जाता है तो बहुत सारा पानी पिएं.

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3. हाइड्रेटेड रहें
गर्मियों में शरीर बहुत सारे तरल पदार्थ खास तौर पर पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है. नारियल पानी, सतू, बेल का शरबत, छाछ, जूस, शेक, नींबू पानी जैसी चीजों का सेवन करें. साथ ही शराब और चीनी युक्त पेय पदार्थों से बचना चाहिए.

एक्टपर्ट्स के मुबातिक पुरुषों को एक दिन में 3.7 लीटर और महिलाओं के लिए कम से कम 2.7 लीटर वॉटर इनटेक होना चाहिए. खासकर गर्मी के दौरान इस न्यूनतम मात्रा को पूरा करना बेहद जरूरी है

4. धूप से बचें

धूम से बचने के लिए अपने चेहरे, हाथों और जितना हो सके, शरीर को ढककर रखें. हमेशा धूप में छाते का इस्तेमाल करना चाहिए.

5. हल्का खाना खाएं
शरीर को ठंडा रखने के लिए हल्का खाना खाएं जैसे ओट्स, दलिया, खिचड़ी, सलाद, दही, छाछ या सूशी. साथ ही अपने भोजन में खीरा, ककड़ी, टमाटर जैसी चीजें शामिल करने से आपके शरीर में ज्यादा पानी जाएगा और शरीर हाइड्रेटेड रहेगा.

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