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रिफाइंड शुगर की बजाय इन 5 चीजों से बढ़ाएं खाने की मिठास, जानें कितनी मात्रा में खाएं

क्या आपको भी मीठा खाने की आदत है? अगर हम तो आज इस आर्टिकल में हम आपको रिफाइंड शुगर के नुकसानों के बारे में बताने जा रहे हैं , साथ ही जानते हैं कि इसकी बजाय आप किन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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refined sugar
refined sugar

क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो चीनी की बजाय ब्राउन शुगर,  शहद,  गुड़ या देसी खांड का सेवन करते हैं? लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें खाने का सही तरीका क्या है, इनमें कितनी कैलोरी होती है और इन्हें कितनी मात्रा में खाना चाहिए? आज हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं. साथ ही जानते हैं कि  कैसे रिफाइंड शुगर हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाती है और इसकी बजाय आप किन चीजों को मिठास के लिए अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. 

चीनी का नुकसान-

रिफाइंड वाइट शुगर में केवल कैलोरी होती हैं, कोई न्यूट्रिएंट नहीं. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत हाई होता है जिससे वजन बढ़ना, डायबिटीज, स्किन एजिंग, कोलेजन की कमी, अल्जाइमर का खतरा बढ़ता है. इसलिए चीनी से बचना जरूरी है.


चीनी के हेल्दी ऑप्शन

देसी खांड और जैगरी- देसी खांड गन्ने के जूस को सीधे ठोस रूप में बदला जाता है, बिना ज्यादा प्रोसेसिंग के. 

-1 ग्राम खांड में भी लगभग उतनी ही कैलोरी होती हैं जो चीनी में. 

- खांड चीनी की तुलना में पाचन में सहायता करता है और कब्ज कम करता है.

 - खांड का इस्तेमाल उन लोगों के लिए बेहतर होता है जिन्हें चीनी छोड़ना मुश्किल हो. 

- हालांकि, डायबिटीज या वजन कम करने वालों के लिए खांड उतना ही हानिकारक है जितनी चीनी क्योंकि इसमें कैलोरी और ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग समान होता है. 

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धागे वाली मिश्री - मिश्री भी गन्ने के जूस से बनती है लेकिन इसे बिना केमिकल प्रोसेसिंग के क्रिस्टलाइज किया जाता है. 

- मिश्री में कैलोरी ज्यादा होती है, लेकिन यह शुद्ध होती है और पूजा हवन में उपयोग होती है. 
- ज्यादा तेज मिठास होने के कारण इसे ज्यादा मात्रा में लेने से बचें. 
-  फिजिकली एक्टिव लोगों के लिए थोड़ी-बहुत मिश्री एनर्जी के लिए सही होती है.

शहद- हनी में विटामिन, मिनरल्स जैसे राइबोफ्लेविन, नियासिन, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं और यह शुगर की तुलना में कम प्रोसेस्ड होती है. 

- इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स चीनी से थोड़ा कम होता है, इसलिए हनी शुगर का बेहतर विकल्प माना जाता है. यह फ्रुक्टोज और ग्लूकोज से बना है, ज्यादा मात्रा में सेवन वजन बढ़ाने और डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती है. 

- सुबह गर्म पानी में नींबू और हनी डालकर पीना सेहत के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह हाइड्रेशन, मेटाबॉलिज्म और भूख कंट्रोल करने में मदद करता है. 
- हनी को कभी भी उबाल कर नहीं लेना चाहिए. साथ ही कच्चा और नेचुरल हनी लेनी चाहिए, पेटेंटेड हनी से बचें. 


ड्राइड फ्रूट्स (खजूर, अंजीर, किशमिश) - ये शुगर के मुकाबले ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम होते हैं और फाइबर से भरपूर होते हैं.

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 - शरीर में ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ने देते और भूख कम लगती है. 
- इनके अंदर पोटैशियम, मैग्नीशियम, कई विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो मेटाबॉलिज्म और हेल्थ, दोनों के लिए लाभकारी हैं. 
- इन्हें खीर, स्मूदी, मिल्कशेक जैसे व्यंजनों में चीनी की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है. 

कोकोनट शुगर और पाम शुगर- ये ट्री के फ्लावर्स से निकालकर बनती हैं, जहां फ्लावर्स का रस हीट करके क्रिस्टल में बदल दिया जाता है. 
- इनके स्वाद में कैरेमल जैसा स्वाद होता है और इनमें कई न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो रिफाइंड शुगर में नहीं होते. 
-इसमें भी कैलोरीज शुगर के समान ही होती है, इसलिए डायबिटीज़ या वजन घटाने वाले लोग इसका सेवन कम से कम करें.

 फ्रेश फ्रूट्स- फ्रेश फ्रूट्स एक नेचुरल और हेल्दी ऑप्शन है जो नेचुरल शुगर और फाइबर से भरपूर होते हैं.

स्टीविया- स्टीविया एक नेचुरल इंडियन हर्ब है जो चीनी से कई गुना ज्यादा मीठी होती है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स जीरो होता है, लेकिन इसके लॉन्ग-टर्म इफेक्ट्स के बारे में अभी और स्टडी करने की जरूरत है.

 चीनी की आदत को छोड़ने का सबसे अच्छा तरीका है इसे धीरे-धीरे अपनी लाइफ से बाहर करना. उन्होंने बताया कि कैसे प्रोसेस्ड और आर्टिफिशियल बनी हुई चीजों को पूरी तरह हटाकर नेचुरल फूड्स को कंज्यूम करना शुरू करना चाहिए. अगर आपको चीनी की क्रेविंग्स होती हैं तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि स्ट्रेस, एडिक्शन, या मिनरल डेफिशियेंसी.  चीनी की क्रेविंग्स को कंट्रोल करने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट, हेल्दी डाइट, और न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स का सहारा लेना चाहिए.

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