Peanuts Side Effects: ठंड का मौसम आते ही घरों में गरीबों का ड्राईफ्रूट कहलाने वाली मूंगफलियां आना शुरू हो जाती हैं. मूंगफली खाने के सर्दियों में अपना ही अलग मजा होता है और इसका एक फायदा यह भी है कि इसे खाने से अंडे-काजू से भी ज्यादा प्रोटीन शरीर को मिलता है.
लेकिन वो कहते हैं ना हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं, उसी तरह फायदों की खान मूंगफली के भी कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं. इसलिए अगली मूंगफली खाने से पहले यह जान लीजिए कि क्या यह आपकी सेहत के लिए ठीक है और इन लोगों को किसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए.
मूंगफली हाई-कैलोरी स्नैक है. एक छोटी कटोरी मूंगफली में लगभग 250–300 कैलोरी होती है. सर्दियों में भूख ज्यादा लगती है, ऐसे में लोग चटकारे लेते-लेते जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं. लगातार ओवरईटिंग करने से वजन तेजी से बढ़ सकता है, खासकर पेट और कमर के पास चर्बी जमा हो जाती है. वजन कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो एक दिन में एक मुट्ठी से ज्यादा न खाएं.
मूंगफली तासीर में गर्म होती है और भारी भी. इसलिए ज्यादा खाने पर पेट फूलना, गैस, एसिडिटी या अपच जैसी समस्याएं होना काफी आम है. जिन लोगों का डाइजेशन कमजोर है या जिन्हें बार-बार गैस बनती है, उन्हें इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए. भुनी हुई मूंगफली कच्ची की तुलना में ज्यादा भारी पड़ती है.
जिन लोगों की स्किन पहले से ऑयली है या जिन्हें मुंहासों की समस्या रहती है, उनके लिए ज्यादा मूंगफली खाना खतरनाक हो सकता है. इसमें मौजूद नेचुरल ऑयल से शरीर में सीबम प्रोडक्शन बढ़ सकता है, जिससे पिंपल्स उभरने लगते हैं. खासकर सर्दियों में जब स्किन पहले ही सेंसेटिव रहती है, तब इसका असर ज्यादा दिखता है.
मूंगफली खाने से भी कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है, इसके लक्षण हल्के या गंभीर भी हो सकते हैं. जैसे खुजली, लाल चकत्ते, गला सूजना, सांस लेने में दिक्कत या उलटी आना. जिन लोगों को इससे एलर्जी होती है, उन्हें मूंगफली और इससे बनी चीजें (पीनट बटर, चिक्की) बिल्कुल नहीं खानी चाहिए. बच्चों में भी अचानक एलर्जी का जोखिम रहता है, इसलिए शुरुआत में कम मात्रा में ही देना सही है.
अगर आप नमक लगी हुई मूंगफली खाते हैं, तो उसमें सोडियम की मात्रा काफी बढ़ जाती है. ज्यादा सोडियम हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए खतरा हो सकता है. रोज नमकीन मूंगफली खाने से बीपी बढ़ सकता है, पानी रिटेंशन हो सकता है और दिल पर भी दबाव पड़ सकता है. अधिक सोडियम की वजह किडनी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.
लंबे समय तक रखी गई या नमी में स्टोर की गई मूंगफली पर फफूंदी लग सकती है. इससे बनने वाला अफ्लाटॉक्सिन नामक टॉक्सिन लिवर के डैमेज होने का खतरा बढ़ा सकता है. इसलिए हमेशा ताजी, कुरकुरी और सूखी मूंगफली ही खानी चाहिए.