जम्मू कश्मीर के मुद्दे को लेकर चीन की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 भारत के क्षेत्र से जुड़ा एक आंतरिक मामला है. भारत अन्य देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करता है और इसी तरह अन्य देशों से भी उम्मीद करता है कि वे भारत के आंतरिक मामलों पर कमेंट ना करें.
प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जहां तक भारत-चीन सीमा प्रश्न का संबंध है, दो पक्ष भारत-चीन सीमा प्रश्न के निपटारे के लिए राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों के आधार पर सीमा प्रश्न के उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य निपटारे के लिए सहमत हुए हैं.
MEA: So far as India-China Boundary Question is concerned, the 2 sides have agreed to a fair, reasonable&mutually acceptable settlement of boundary question on the basis of Political Parameters & Guiding Principles for Settlement of India-China Boundary Question. https://t.co/92lpq606LC
— ANI (@ANI) August 6, 2019
असल में, भारत की ओर से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जाने पर आपत्ति जताते हुए चीन ने मंगलवार को कहा कि यह कदम उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता के खिलाफ है.
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक चीन ने भारत को सावधानी बरतने और सीमा मुद्दे को जटिल न बनाने की हिदायत दी है. चीन की ओर से कहा गया, "चीन ने हमेशा भारत के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में स्थित चीन-भारत सीमा के पश्चिमी खंड में भारतीय पक्ष पर आपत्ति जताई है. यह स्थिति अटल है और किसी भी तरह से कभी नहीं बदली है."
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुवा चुनयिंग ने जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा किए गए बदलावों पर कहा, "हाल के दिनों में भारतीय पक्ष ने अपने घरेलू कानूनों को इस तरह से संशोधित किया है, जिससे चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता को कमजोर किया जा सके. यह अस्वीकार्य है." उन्होंने कहा, "हम भारतीय पक्ष से सीमा मुद्दे पर सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं, ताकि दोनों पक्षों के बीच पहुंचे संबंधित समझौतों का सख्ती से पालन किया जा सके और सीमावर्ती मुद्दे और न उलझें नहीं."
बता दें कि भारत ने मंगलवार को घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को खत्म किया जा रहा है. इसके तहत राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया है.