पंजाब सरकार ने गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी शताब्दी पर एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य के सभी स्कूलों में नर्सरी से 12वीं कक्षा तक उनके जीवन और शिक्षाओं पर आधारित विशेष पाठ्यक्रम को अनिवार्य कर दिया है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि यह कदम न सिर्फ गुरु साहिब की विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि बच्चों में साहस, सत्य, धार्मिकता और न्याय जैसे मूल्यों को भी मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि पहले किताबों से सिर्फ एक चैप्टर होता था लेकिन अब पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा.
गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी शताब्दी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी शिरकत की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि श्रीनगर स्थित गुरुद्वारा साहिब छठी पातशाही में आयोजित पावन कीर्तन दरबार में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य का पल रहा.
पंजाब सरकार ने बीते दिनों आधिकारिक तौर पर गुरु तेग बहादुर जी को लेकर पाठ्यक्रम मॉड्यूल की शुरुआत की है. यह मॉड्यूल पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा तैयार किया गया है और इसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी हरी झंडी दी है.
इस शिक्षा मॉड्यूल के तहत, सभी सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों में सुबह की सभा में 10 से 12 मिनट का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा. इसमें गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, शहादत, माता गुजरी के जीवन और खालसा पंथ की स्थापना पर फोकस होगा.
पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री ने बीते दिनों कई स्कूलों का दौरा कर छात्रों को गुरु साहिब के अद्वितीय बलिदान और उनके जीवन की शिक्षाओं के बारे में बताया. उन्होंने सभी उपायुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों से भी स्कूलों का दौरा कर बच्चों को प्रेरित करने का आग्रह किया.