पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और केंद्र पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि हर बार दिल्ली की खराब हवा का ठीकरा पंजाब पर फोड़ा जाता है, जबकि सच्चाई कुछ और है. मान ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के जज भी कह चुके हैं कि “पंजाब का मतलब सिर्फ पराली का धुआं नहीं है.”
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार पंजाब की लगभग 70–80 प्रतिशत फसल अभी आई ही नहीं है. अब तक सिर्फ 90 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है, तो सवाल उठता है कि जब फसल कटी ही नहीं, तो पराली कैसे जलाई गई? उन्होंने कहा कि पराली का असर धीरे-धीरे फैलता है, पहले सिरसा में दिखता है, फिर बाकी जगहों पर.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर पंजाब से हवा दिल्ली तक जाती है, तो हरियाणा के ऊपर से होकर जाती है. फिर हरियाणा को कोई दोष क्यों नहीं देता? उन्होंने कहा कि पराली का बहाना बनाकर किसान को हर बार बदनाम किया जाता है, जबकि दिल्ली के एयर क्वालिटी लेवल 400–900 तक पहुंचने के कई और कारण हैं.
भगवंत मान: किसान को दोष नहीं, समाधान दो
भगवंत मान ने कहा कि किसानों को अपराधी की तरह पेश करना गलत है. उन्होंने केंद्र से सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री युद्ध रोक सकते हैं और दुनिया उन्हें ‘विश्वगुरु’ कहती है, तो पराली का हल निकालना उनके बस में क्यों नहीं है? उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री को यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को बुलाकर ठोस योजना बनानी चाहिए.
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भगवंत मान: पंजाब सरकार अपनी बात रखेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र बैठक बुलाएगा, तो पंजाब सरकार किसानों के हित में अपने सुझाव रखेगी. उन्होंने दोहराया कि किसानों को दोष देने से कुछ नहीं होगा, बल्कि उनके लिए समाधान और वैकल्पिक खेती के रास्ते निकालने होंगे.