पंजाब के तरनतारन में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने पर 6 सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाएगा. जिला उपायुक्त राहुल ने इसकी पुष्टि की है और कहा है कि उन्होंने CAQM अधिनियम की धारा 14 के तहत सिविल जज के पास शिकायत दर्ज कराई है. तरनतारन में राज्य में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं.
उपायुक्त राहुल ने आजतक को बताया कि उन्होंने CAQM अधिनियम की धारा 14 के तहत सिविल जज के पास शिकायतें दर्ज कराई हैं. ये कार्रवाई स्पष्ट संकेत है कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इन अधिकारियों को उनकी ड्यूटी में लापरवाही के कारण अभियोजित किया गया है.
तरनतारन DC राहुल ने आज से इस कार्रवाई की पुष्टि की. ये कदम दिखाता है कि प्रशासन पर्यावरण प्रदूषण और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर है. सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाना राज्य भर के अन्य जिलों के अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे अपनी ड्यूटी ठीक से निभाएं.
तरनतारन में 294 मामले दर्ज
आंकड़े बताते हैं कि तरनतारन जिले में पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई हैं. पूरे पंजाब में दर्ज किए गए कुल 890 मामलों में से अकेले तरनतारन में ही 249 केस दर्ज किए गए हैं. ये आंकड़ा दिखाता है कि जिले में स्थिति कितनी गंभीर है. राज्य में सबसे अधिक मामलों की संख्या होने के कारण जिला प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव था.
6 अधिकारियों पर चलाया जाएगा मुकदमा
जिन छह सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चलाया गया है, उनमें नोडल और पर्यवेक्षी अधिकारी शामिल हैं. इन्हें पराली जलाने की समस्या को नियंत्रित करने और रोकने का विशेष कार्य सौंपा गया था.
दिल्ली-NCR में प्रदूषण
पराली जलाने से दिल्ली-NCR का AQI लगातार 'गंभीर' स्तर पर बना हुआ है. पंजाब, हरियाणा और यूपी के खेतों से उठता धुआं राजधानी को स्मॉग की चादर में लपेट रहा है.