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'जहां सरकारी स्कूल नहीं... वहां 3 महीने में खोलो स्कूल', सुप्रीम कोर्ट का केरल सरकार को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को निर्देश दिया है कि जहां भी सरकारी स्कूल नहीं हैं, वहां तीन महीने के अंदर लोअर प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल खोलें. कोर्ट ने कहा कि स्कूलों के लिए अस्थाई व्यवस्था के तहत प्राइवेट बिल्डिंग्स का उपयोग किया जा सकता है और स्थाई भवनों के लिए बजट आवंटित किया जाना चाहिए.

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केरल सरकार पर सुप्रीम कोर्ट तल्ख. (Photo: ITG)
केरल सरकार पर सुप्रीम कोर्ट तल्ख. (Photo: ITG)

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केरल सरकार को उन सभी इलाकों में लोअर प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल खोलने का आदेश दिया है, जहां पहले से कोई सरकारी स्कूल नहीं है. मामले की सुनवाई कर रही CJI सूर्यकांत की बेंच ने केरल सरकार को 3 महीने के अंदर इस संबंध में पॉलिसी लाने का निर्देश दिया है.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “जो राज्य 100 प्रतिशत साक्षरता का दावा करता है, उसकी ये हालत है. कोर्ट ने कहा कि 3 महीने के अंदर सरकार को इसके लिए पॉलिसी लानी चाहिए.

कोर्ट ने केरल सरकार को आदेश दिया है कि जहां भी हर 1 km के दायरे में एक लोअर प्राइमरी और 3 km के दायरे में कोई अपर प्राइमरी स्कूल न हो, वहां पर नए स्कूल खोले जाएं.

कोर्ट ने सरकार को ये भी निर्देश दिया कि जहां स्कूल के लिए बिल्डिंग मौजूद नहीं है, वहां प्राइवेट बिल्डिंग्स की पहचान की कर फिलहाल अस्थाई व्यवस्था के तौर पर स्कूल खोले जाएं. स्कूल के लिए स्थाई भवनों के लिए जरूरी बजट का आवंटन किया जाना चाहिए.

सीजेआई ने कहा कि स्कूल बनाने के लिए ग्राम पंचायतें उपलब्ध जमीन की जानकारी सरकार को दे सकते हैं. जब तक रेगुलर टीचरों की नियुक्ति नहीं हो जाती, रिटायर्ड टीचरों को नियुक्त किया जाए.

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