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'जबरन धर्मांतरण भी एक तरह की हिंसा...', RSS चीफ मोहन भागवत की दो टूक

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने धर्मांतरण और देश की एकता पर विचार रखे हैं. उन्होंने कहा कि 'जवरिया या लालच देकर कराया गया धर्मांतरण हिंसा से कम नहीं है'. संघ प्रमुख के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश एकजुट दिखा और यह एकता बनी रहनी चाहिए, लेकिन टू-नेशन थ्योरी का भूत जब तक मन में कायम है, देश पर खतरे बने रहेंगे.

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धर्मांतरण पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिया सख्त संदेश
धर्मांतरण पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिया सख्त संदेश

RSS Chief on Pahalgam attack: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मोहन भागवत ने धर्मांतरण और देश की एकता को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरा देश एकजुट दिखा और यह एकता हमेशा बनी रहनी चाहिए.

जबरन या लालच से धर्मांतरण को बताया हिंसा समान

संघ प्रमुख ने कहा कि हम धर्मांतरण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन जबरन या लालच देकर कराया गया धर्मांतरण हिंसा से कम नहीं है. और इसलिए देशभक्ति के इस वातावरण में सारे मतभेद जैसे हम भूल गए हैं. आपसी प्रतिस्पर्धाएं भूल गए. देश के हित में प्रतिस्पर्धी एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं. यह जो दृश्य खड़ा हुआ है, वह वास्तव में उत्तम प्रजातंत्र का दृश्य है. यह आगे भी चलते रहना चाहिए, ऐसी इच्छा हम सबके मन में है. क्या होगा, कैसे होगा, कोई बता नहीं सकता, परंतु ऐसा होना चाहिए ऐसा तो सबको लगता है.

दोहरी सोच और द्विराष्ट्र सिद्धांत को बताया देश के लिए खतरा

उन्होंने कहा, क्योंकि हम यह भी जानते हैं कि यह सब होने के बाद भी समस्या तो मिटी नहीं है. टेढ़ापन जब तक कायम है, द्विराष्ट्र सिद्धांत का भूत जब तक मन में कायम है, शांतिपूर्वक रह सकें इसलिए अलग हुए और अलग होने के साथ ही अशांति करना प्रारंभ किया. यह दोहरापन जब तक जाता नहीं, तब तक देश पर ये खतरे बने रहेंगे.

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स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन पर नहीं है आपत्ति

संघ प्रमुख ने कहा कि अपने मन से अगर कोई अपने पूजा का तरीका बदलता है तो हमारे यहां किसी ने आपत्ति नहीं की है. 

धर्मांतरण को गाली और हिंसा के समान बताया

उन्होंने कहा, परंतु लोभ, लालच, जबरदस्ती से करना, यह सोचकर या कहकर करना कि तुम्हारा रास्ता गलत है, तुम्हारे पूर्वज गलत थे, हम तुम्हें सही कर रहे हैं - यह एक प्रकार से गाली हो गई. धर्मांतरण एक तरह की हिंसा है. हमने उसका कभी समर्थन नहीं किया.

यह भी पढ़ें: 'जब तक हिंदू खुद मजबूत नहीं होगा, दुनिया में कोई उनकी चिंता नहीं करेगा', बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

सभी पंथों के प्रति सम्मान का दावा

हमको पंथ, संप्रदायों से कोई बैर नहीं है. ईसा मसीह, पैगंबर साहब - सभी के प्रति श्रद्धा है. उनके बारे में हमने भी उस श्रद्धा में सहायता की है.

जो लालच या जबरदस्ती से गए, उन्हें स्वीकार करना चाहिए

संघ प्रमुख ने कहा कि परंतु अपने-अपने तरीके से सब चलेंगे और इसलिए ऐसे जो लोग गए, लालच या जबरदस्ती से, वे अगर वापस आना चाह रहे हैं तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए.

पहलगाम हमले पर क्या बोले भागवत?

उन्होंने कहा, पहलगाम में जो हमला हुआ नृशंस हमला था. हमारे यहां घर में घुसकर मारा गया. संघ में भी क्रोध था. अपनी सेना की क्षमता और वीरता एक बार चमक उठी. सेना के पराक्रम को हमने देखा. युद्ध के प्रकार भी बदले है. प्रॉक्सी वॉर शुरु है. घर में बैठकर बटन दबाकर ड्रोन छोड़े जा सकते है. अपनी सुरक्षा के लिए हमें खुद निर्भर होना ही पड़ेगा. हमें अपनी सुरक्षा के लिए पूर्ण सजग होना पड़ेगा. 

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