देश के कई राज्यों से कोयले की कमी की खबरें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब समेत 10 राज्यों में कोयले की किल्लत के चलते आने वाले समय में बिजली संकट पैदा हो सकता है. अब केंद्र सरकार ने भी कोयले की कमी की बात को स्वीकार किया है. हालांकि, सरकार का कहना है कि यूपी, पंजाब में कोयले की कमी नहीं हुई है, बल्कि आंध्र, राजस्थान, तमिलनाडु जैसे राज्यों में जरूर कोयले की कमी देखने को मिल रही है.
कोयले की कमी पर क्या कहा सरकार ने?
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से जब कोयले की कमी को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, पंजाब और यूपी में कोयले की कमी नहीं हुई है. बल्कि आंध्र, राजस्थान, तमिलनाडु में कोल की कमी हुई है. उन्होंने कहा, इन राज्यों में कोयले की कमी के पीछे अलग अलग वजह हैं. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु आयात किये कोयले पर निर्भर है. लेकिन पिछले दिनों में आयात वाले कोयले के दाम काफी तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में हमने तमिलनाडु से कहा है कि आप आयात वाले कोयले पर निर्भर हैं, तो कोयला आयात करिए.
#WATCH | Bihar:Speaking on possible power shortage in some states Power Min RK Singh says, "...There are 2-3 reasons. Most plants in Tamil Nadu dependent on imported coal priced at USD 140/ton today...Same situation in Andhra, there's also little delay in coal transport there..." pic.twitter.com/S18bWIqDQp
— ANI (@ANI) April 14, 2022
उधर, आंध्र प्रदेश में भी कोयले का संकट है. यहां रेलवे से कोयला पहुंचाने में देरी हो रही है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के कोल प्लांट में विस्फोटक की कमी हो गई है. उन्होंने कहा, यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते विस्फोटक की कमी हो गई थी.
9 दिन का रिजर्व बचा है- आर के सिंह
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा, देश में कोयले की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा, कुल डिमांड करीब 9% बढ़ी है. इस बार डिमांड जितनी तेजी से बढ़ी, उतना पहले कभी नहीं बढ़ी. देश में कोयले का रिजर्व कम हुआ है. आज से देश का कोयला रिजर्व 9 दिन का बचा है, पहले यह 14-15 दिन का रहता था. ये बात सच है कि डिमांड बढ़ी है. लेकिन सप्लाई इतनी तेजी से नहीं बढ़ सकती है.
किन राज्यों में कोयले की कमी की खबर
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि देश के करीब 10 राज्य कोयला संकट का सामना कर रहे हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना को कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं यह भी बताया जा रहा है कि झारखंड, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में मांग के मुकाबले कम बिजली उपलब्ध हो पा रही है. यूपी में भी 21 से 22 हजार मेगावाट बिजली की मांग है. जबकि 19 से 20 हजार मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है.
महाराष्ट्र में कोयला संकट के लिए केंद्र ने राज्य को बताया जिम्मेदार
उधर, महाराष्ट्र में भी कोयले में कमी की खबर सामने आ रही है. हालांकि, केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने इसके लिए महाराष्ट्र सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, महाराष्ट्र सरकार द्वारा योजना में कमी के चलते राज्य में कोयले की कमी हुई है. इसके चलते राज्य में बिजली संकट पैदा हुआ है. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार कोयले की कमी को लेकर हाहाकार मचा रही है. लेकिन अगर राज्य सरकार ने पहले से तैयारी की होती, तो अब राज्य को बिजली संकट का सामना करना
पंजाब ने मांगा अतिरिक्त कोयला
उधर, पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात की और राज्य में थर्मल पावर स्टेशन चलाने के लिए अतिरिक्त कोयले की मांग की है. दरअसल, पंजाब में धान की बुवाई का सीजन चल रहा है, ऐसे में बिजली की काफी मांग है. इतना ही नहीं उन्होंने ऊर्जा मंत्री से भी मुलाकात की और अतिरिक्त बिजली भेजने की मांग की. इस दौरान उन्होंने कोयला संकट और बिजली की कमी के मुद्दे पर भी बात की.