केरल के कोट्टायम जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के तहत एनेमरेशन फॉर्म वितरित करने गई एक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) पर कथित रूप से पालतू कुत्ते से हमला करवा दिया गया. घटना में महिला BLO के चेहरे और गर्दन पर चोटें आईं. अधिकारी का आरोप है कि जिस घर पर वह फॉर्म देने गई थीं, वहां घर के मालिक ने जानबूझकर उन पर कुत्ता छोड़ दिया. पुलिस मामले की जांच कर रही है. SIR प्रक्रिया की शुरुआत के बाद प्रदेश में लगातार विरोध और विवाद बढ़ रहे हैं.
पीड़ित BLO का कहना है कि जैसे ही वह घर पहुंचीं और फॉर्म देने की बात कही, घर के मालिक ने पालतू कुत्ते को खोल दिया और कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया. घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन और पुलिस को दे दी गई है और जांच शुरू कर दी गई है.
SIR प्रक्रिया के बीच घटना ने बढ़ाई चिंता
केरल में मंगलवार से ही SIR के तहत BLOs घर-घर जाकर फॉर्म बांटने और संग्रह करने लगे हैं. इसी दौरान सामने आई इस घटना ने सुरक्षा और विरोध के सवालों को और तेज कर दिया है. यह हमला उस समय सामने आया है जब SIR को लेकर राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक टकराव पहले से ही चरम पर है.
इससे पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घोषणा की कि राज्य सरकार SIR प्रक्रिया को कानूनी चुनौती देगी. इसके लिए बुधवार को एक ऑनलाइन सर्वदलीय बैठक की गई, जिसमें बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने सरकार के रुख का समर्थन किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2002 की मतदाता सूची को आधार बनाकर SIR कराना दुर्भावनापूर्ण इरादा लिए हुए लगता है. राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक हैं, इसलिए SIR पर कानूनी सलाह लेकर आगे कदम उठाया जाएगा.
विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने भी कहा कि वे पूरी तरह सरकार की चिंताओं से सहमत हैं और अगर मामला कोर्ट जाता है तो विपक्ष भी उसका हिस्सा बनने को तैयार है. सीपीआई(M) राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने इस प्रक्रिया को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बताया.
SIR के खिलाफ विरोध क्यों?
राज्य के कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने आशंका जताई है कि 2002 की पुरानी वोटर लिस्ट को आधार बनाना कई गंभीर समस्याएं पैदा करेगा. मौजूदा अपडेटेड मतदाता सूची के बावजूद SIR लागू करना संदिग्ध है. प्रक्रिया का कोई छिपा राजनीतिक मकसद हो सकता है. SIR के चलते BLOs के घर-घर दौरे बुधवार को शुरू हो गए हैं.