गोवा की अंजुना पुलिस की शिकायत पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनोखी कार्रवाई की है. कोर्ट ने UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को आदेश दिया है कि वो इजराइली नागरिक यानीव बेनाइम (उर्फ अतला) के आधार एनरोलमेंट रिकॉर्ड पुलिस के साथ साझा करे. अतला गोवा में कई मामलों में गिरफ्तार है.
अंजुना पुलिस ने कोर्ट से कहा कि अतला के आधार कार्ड की जानकारी बहुत जरूरी है, क्योंकि वह भारत में वैध पासपोर्ट या वीजा के बिना रह रहा था, लेकिन उसके पास अगस्त 2021 में जारी एक आधार कार्ड था. यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर माना जा रहा है.
किया गया था गिरफ्तार
अतला को 5 अप्रैल, 2025 को पणजी की एंटी-नारकोटिक्स सेल ने 50 ग्राम कोकीन और 120 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जांच में पाया कि अतला भारत में गैरकानूनी तरीके से रह रहा था. उसके खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम और विदेशी आदेश के तहत भी मामला दर्ज किया गया.
UIDAI मुंबई कार्यालय ने पहले एनरोलमेंट विवरण साझा करने से इंकार कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने अब आदेश दिया है कि अतला के आधार फॉर्म में दिए गए पहचान, पते और जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी पुलिस को दी जाए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में अतला के व्यक्तिगत दस्तावेज या संवेदनशील जानकारी उजागर नहीं होगी, क्योंकि उसके फॉर्म में जो प्रमाण दिए गए हैं, वे केवल गोवा सरकार के गजटेड अधिकारी द्वारा जारी सर्टिफिकेट पर आधारित हैं.
अतला ने कोर्ट में अपनी आपत्ति जताई और कहा कि आधार की जानकारी साझा करना उसके फंडामेंटल राइट्स (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन होगा. उसने कहा कि उसकी बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी उसकी निजी स्वतंत्रता का हिस्सा है और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन-स्तरीय टेस्ट का पालन होना चाहिए.
लंबा क्राइम रिकॉर्ड, कई मामलों में है दोषी
अतला के अपराधों की लंबी लिस्ट है. 2005 से उसे कई मामलों में दोषी ठहराया गया है, जिसमें एनडीपीएस और विदेशी नागरिक अधिनियम शामिल हैं. 2010 में उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, लेकिन वो भारत में गिरफ्तारी से बच गया और बाद में पेरू से इंटरपोल के जरिए भारत लाया गया. 2019 में उसे गोवा में हत्या के प्रयास के मामले में भी नामजद किया गया. अप्रैल 2025 में फिर से उसे ड्रग्स के मामले और गैरकानूनी रहवास के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
हाईकोर्ट के जस्टिस वाल्मिकी मेनेजेस ने कहा कि अतला के पास वैध पासपोर्ट या वीज़ा नहीं था, इसलिए उसे आधार कार्ड मिलने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं था. कोर्ट ने UIDAI को दो हफ्ते के अंदर अतला की एनरोलमेंट एजेंसी और डेमोग्राफिक जानकारी पुलिस को देने का आदेश दे दिया.