इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. विपक्ष के कुछ नेता मानते हैं कि विपक्ष की इस सबसे बड़ी पार्टी को गठबंधन में सब ठीक करने के लिए कदम उठाने चाहिए. मुद्दों को सुलझने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एक विकल्प के तौर पर उभरने के लिए लिए सीट बंटवारे में पार्टी को 'बड़ा दिल' दिखाना चाहिए. विपक्षी नेताओं का कहना है कि विपक्ष को इस मुद्दे को बड़ी ही गंभीरता से लेने की जरूरत है.
विपक्षी नेताओं का मानना है कि आगमी चुनाव में ज्यादा समय नहीं रह गया है और ऐसे में गठबंधन की तमाम पार्टियों को मिनिम सपोर्ट प्रोग्राम तैयार करना चाहिए और लोगों के सामने एक एकजुट चेहरा पेश करना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी इस बात से सहमत हैं कि सीट-बंटवारे की बातचीत में देरी हुई है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि चीजें जल्द ही ठीक हो जाएंगी और ज्यादतर राज्यों में सीटों के आवंटन का ऐलान किया जाएगा.
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'महाराष्ट्र में फाइनल हुई कुछ सीटें, चल रही आगे की बात'
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सभी पार्टियां अपने-अपने हिसाब से अगले से बड़ा दिल दिखाने की उम्मीद करेगी. टीएमसी कहेगी कि कांग्रेस को और ज्यादा बड़ा दिल दिखाना चाहिए. महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि चीजें सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगी.' उन्होंने कहा कि कुछ सीटों को छोड़कर ज्यादातर सीटों पर फैसला हो चुका है और उन्होंने कहा कि सीटों की लिस्ट "जल्द ही जारी" की जाएगी.
सिर्फ तेलंगाना जीतने में कामयाब हुई कांग्रेस - सीपीआई
सीपीआई महासचिव डी राजा ने रविवार को कहा कि पिछले साल पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों से उचित सबक लेने के बाद इंडिया गठबंधन को "विश्वास और पारस्परिक रूप से उदार होना चाहिए." उन्होंने कहा, ''आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को वाम दलों और अन्य दलों को सीटें देने में अधिक उदार होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल तेलंगाना में जीतने में सफल रही और भाजपा को हराने के प्राथमिक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, सीपीआई पार्टी अपनी सीट कांग्रेस को देने पर सहमत हुई.
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'इंडिया गठबंधन को गंभीर होने की जरूरत'
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि विपक्ष को सीट-बंटवारे की चर्चा और राज्य-वार राजनीतिक चुनाव रणनीति के मामले में अधिक गंभीर होना होगा, कांग्रेस को नेतृत्व लेना होगा और चर्चा, कार्यक्रम और नीति शुरू करनी होगी और घोषणापत्र भी तैयार करना होगा. उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण समय है, लोग कांग्रेस और समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की ओर देख रहे हैं. इसलिए जहां तक अगले चुनाव की बात है तो कांग्रेस के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक को भी अधिक गंभीर होना होगा.