दिल्ली हाईकोर्ट गोवा अग्निकांड के आरोपी लूथरा ब्रदर्स की अग्रिम जमानत याचिका पर सख्त टिप्पणी करते हुए खारिज कर दी. कोर्ट ने आरोपियों की उस दलील को भी नकार दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि गोवा में उनकी लिंचिंग हो सकती है, क्योंकि उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने लूथरा ब्रदर्स की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अपराध की प्रकृति प्रथम दृष्टया बेहद गंभीर और भयावह है, जिसमें 25 लोगों की जान चली गई. अदालत ने लूथरा ब्रदर्स के आचरण पर भी सवाल उठाए और कहा कि आरोपियों ने कोर्ट से तथ्यों को छिपाया है.
लिंचिंग के दावों को किया खारिज
कोर्ट ने लूथरा ब्रदर्स द्वारा किए गोवा में लिंचिंग के दावों को भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी या कोर्ट द्वारा कानून के अनुसार की गई कार्रवाई को जान से खतरे की आशंका नहीं कहा जा सकता.
हाईकोर्ट ने आरोपियों से सवाल किया कि उन्होंने गोवा में क्षेत्राधिकार रखने वाले सक्षम कोर्ट में याचिका दायर क्यों नहीं की.कोर्ट ने आगे कहा कि याचिका के साथ दाखिल किए गए दस्तावेज भी प्रथम दृष्टया उनके कथनों का समर्थन नहीं करते.
अवैध तरीके से चल रहा था क्लब: कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि दस्तावेजों के अनुसार लाइसेंस समझौता, ट्रेड लाइसेंस और लीज डीड पहले ही खत्म हो चुके थे. इससे पता चलता है कि क्लब अवैध तरीके से चल रहा था.
'आरोपियों ने छिपाए तथ्य'
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि आवेदकों ने कोर्ट से तथ्यों को छिपाया है. इतने बड़े हादसे के तुरंत बाद उनका देश छोड़कर जाना उनके इरादों पर संदेह पैदा करता है. इसके बाद कोर्ट ने इन आधारों पर उनकी याचिका को खारिज कर दिया.
25 लोगों की मौत
दरअसल, बिर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में 6 दिसंबर की देर रात लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद नाइटक्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा फुकेट भाग गए थे. इसके इंटरपोल ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद थाई अधिकारियों ने गुरुवार को उन्हें हिरासत में ले लिया और अब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. हालांकि, कोर्ट ने की याचिका को खारिज कर दिया है.
'लूथरा ब्रदर्स को सताया लिंचिंग का डर'
दिल्ली कोर्ट में दोनों भाइयों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील तनवीर अहमद मीर ने कोर्ट को बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और अगर वे गोवा लौटे तो भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालेगी.
वकील तनवीर मीर ने कोर्ट में दलील दी कि मैं ये नहीं कह रहा कि राज्य को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, लेकिन यहां तो राज्य बदले की राह पर है. मेरे मुवक्किलों की संपत्तियां तोड़ी जा रही हैं. गोवा में उनकी जान को खतरा है, भीड़ उन्हें लिंच कर सकती है.
'जांच से नहीं बच रहे...'
अग्रिम जमानत मांगते हुए लूथरा ब्रदर्स ने तर्क दिया कि वह भाग नहीं रहे हैं. वे थाईलैंड के फुकेत में एक रेस्तरां खोलने गए थे. उनके वकील ने कोर्ट में तर्क देते हुए कहा कि लूथरा ब्रदर्स ने व्यापारिक यात्रा पर थाईलैंड की यात्रा की थी और वे जांच से बचने की कोशिश नहीं कर रहे थे.
लूथरा ब्रदर्स ने अपनी याचिका में कहा, 'मैंने 6 दिसंबर को ही अपने ट्रैवल एजेंट को अपनी योजनाओं के बारे में सूचित कर दिया था... मैं फुकेत में एक रेस्तरां स्थापित करने से संबंधित दस्तावेज दिखा सकता हूं, जहां हमने भारतीयों को रोजगार देने की योजना बनाई थी.'
फर्जी हैं मेडिकल आधार
हाईकोर्ट में दायर अग्रिम जमानत याचिका में लूथरा ब्रदर्स ने चार हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की थी. दोनों भाइयों ने याचिका में कहा कि गौरव को न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जबकि सौरभ को मिर्गी (एपिलेप्सी) के दौरे पड़ते हैं. हालांकि, गोवा पुलिस ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि ये मेडिकल आधार झूठे और बनावटी हैं, क्योंकि इन लोगों ने किसी डॉक्टर से एडवाइज नहीं ली.
इस पर वकील मीर ने जवाब दिया कि हर मरीज को रोज डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती. वे मुझे सबके सामने पेश कर तमाशा बनाना चाहते हैं.
इस मामले में गोवा पुलिस द्वारा दर्ज FIR में कहा गया है कि क्लब बिना आवश्यक अनुमतियों या लाइसेंस के चल रहा था. इस घटना पर व्यापक आक्रोश के बीच, कई कर्मचारियों के साथ-साथ नाइटक्लब के सह-मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा लूथरा ब्रदर्स के स्वामित्व वाली एक बीच शैक को अवैध निर्माण के कारण ध्वस्त कर दिया गया है.