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हाफिज, मुफ्ती असगर, इब्राहिम राथर... पाकिस्तान में बैठे जैश-लश्कर के आतंकी नेटवर्क की पूरी कुंडली आई सामने

इस दस्तावेज़ में साफ़ तौर पर दिखाया गया है कि कैसे ये आतंकी संगठन पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठकर भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम देने की रणनीति बनाते हैं. इन संगठनों में लॉन्च कमांडर की भूमिका बेहद अहम होती है

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खुफिया एजेंसियों ने तैयार की लश्कर और जैश के आतंकियों कुंडली (File Photo)
खुफिया एजेंसियों ने तैयार की लश्कर और जैश के आतंकियों कुंडली (File Photo)

भारत की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की पूरी कुंडली तैयार कर ली है. सुरक्षाबलों के पास अब इन संगठनों के कमांड स्ट्रक्चर से लेकर फंडिंग नेटवर्क तक की पूरी जानकारी है. 'आजतक' को इस एक्सक्लूसिव डोजियर का एक्सेस मिला है, जिसमें लांचिंग कमांडरों से लेकर टॉप लीडरशिप और फंडिंग के स्रोतों तक की अहम जानकारियां शामिल हैं.

डोजियर के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर पूरे संगठन का प्रमुख (AMIR) है, जो सीधे सभी अहम जिम्मेदारों को मॉनिटर करता है. संगठन का प्रवक्ता मोहम्मद हसन है. डोजियर में जो अहम नाम हैं, वो इस प्रकार हैं.

1- मौलाना मसूद अजहर – अमीर (संगठन प्रमुख)

2- मोहम्मद हसन – प्रवक्ता

3- मौलाना क़ारी मसूद अहमद – प्रमुख, प्रचार विंग (Nazim Propaganda Wing)

4- मुफ़्ती असगर – चीफ कमांडर, ऑपरेशंस

5- इब्राहिम राथर – प्रमुख, सैन्य मामले (Nazim Mil Affairs)

6- मौलाना सज्जाद उस्मान – फाइनेंस इंचार्ज (पूर्व HUM)

7- सैफुल्लाह शाकिर – नाजिम RMC (अल रहमत ट्रस्ट का पूर्व इंचार्ज)

8- मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद असगर उर्फ साद बाबा – लॉन्च कमांडर (पूर्व HUM)

इस दस्तावेज़ में साफ़ तौर पर दिखाया गया है कि कैसे ये आतंकी संगठन पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठकर भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम देने की रणनीति बनाते हैं. इन संगठनों में लॉन्च कमांडर की भूमिका बेहद अहम होती है जो भारत में घुसपैठ कराने और आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए जिम्मेदार होता है. डोजियर में मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद असगर उर्फ साद बाबा को जैश का प्रमुख लॉन्च कमांडर बताया गया है, जो पहले हरकत-उल-मुजाहिदीन (HUM) से जुड़ा रहा है.

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लश्कर-ए-तैयबा का संगठन

सरगना: हाफिज मोहम्मद सईद- लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद अब धीरे-धीरे अपने बेटे तल्हा सईद को संगठन की जिम्मेदारियां सौंप रहा है. तल्हा अब कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहा है.

ऑपरेशंस प्रमुख: जकीउर रहमान लखवी – लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर. 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य गुनहगार है. मुंबई हमलों के बाद गिरफ्तार हुआ था लेकिन 2015 में जमानत पर रिहा गया और 2021 में उसे 15 साल की सजा सुनाई गई.

लखवी की भूमिका सैन्य अभियानों की निगरानी, आतंकी प्रशिक्षण शिविरों का संचालन और हमले की योजनाओं का निर्माण करना है. इसके अलावा उसके कंधों पर फील्ड कमांडरों और लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था का जिम्मा भी है.

अन्य आतंकी नेता
साजिद मीर उर्फ सैफुल्लाह साजिद जट: 2008 मुंबई हमलों का मुख्य मास्टरमाइंड. अब भी फरार है और एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है. अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन और भर्ती पर ध्यान केंद्रित करता है.

मोहम्मद याह्या मुजाहिद: लश्कर के मीडिया विभाग प्रमुख और प्रवक्ता. संगठन की प्रचार रणनीतियों और जनसंपर्क गतिविधियों का संचालन करता है.

हाजी मोहम्मद अशरफ: वित्त प्रमुख फंड जुटाने और वित्तीय गतिविधियों की निगरानी करता है. जमात-उद-दावा (JuD) और अन्य मोर्चों के माध्यम से फंडिंग का प्रबंधन करता है.

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आरिफ कासमानी: बाहरी संपर्कों का कॉर्डिनेटर. अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों के साथ संपर्क स्थापित करने की जिम्मेदारी.

ज़फ़र इकबाल: लश्कर का सह-संस्थापक. वैचारिक और प्रशिक्षण गतिविधियों में शामिल रहा है, हालांकि हाल की रिपोर्टों में इसकी सक्रियता कम देखी गई है.

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सहायक संगठन और फ्रंट विंग्स

जमात-उद-दावा (JuD): हाफिज सईद के नेतृत्व में लश्कर का चेहरा. यह संगठन स्कूल, अस्पताल और राहत कार्य चलाकर समाज में जगह बनाता है और उसी के जरिए आतंकियों की भर्ती और प्रचार करता है. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है.

फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF), अल मदीना और ऐसर फाउंडेशन जैसे अन्य संगठन: इन संगठनों का गठन JuD पर प्रतिबंधों से बचने के लिए किया गया. ये संगठन उसी काम को जारी रखते हैं जो पहले JuD करता था.

मिली मुस्लिम लीग (MML): लश्कर की राजनीतिक शाखा, जिसे पाकिस्तान की राजनीति में प्रभाव बढ़ाने के लिए शुरू किया गया. अमेरिका ने इसे भी लश्कर का फ्रंट संगठन बताते हुए बैन कर दिया है.

फंडिंग नेटवर्क: जमात-ए-इस्लामी का उपमहाद्वीप में फैला हवाला नेटवर्क भारत, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका तक में फंड ट्रांसफर करता है, जिसका इस्तेमाल लश्कर की गतिविधियों को चलाने में किया जाता है.

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फंडिंग नेटवर्क भी बेनकाब
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि फंडिंग की जिम्मेदारी मौलाना सज्जाद उस्मान जैसे लोगों के पास है, जो पहले भी आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन (HUM)से जुड़े रहे हैं. अल रहमत ट्रस्ट के नाम पर धन जुटाया जाता है और आतंकियों की ट्रेनिंग, लॉन्चिंग, हथियारों की आपूर्ति और प्रचार कार्यों में इसका इस्तेमाल होता है.

यह डोजियर सुरक्षा बलों और एजेंसियों के लिए एक अहम हथियार साबित हो सकता है, जिससे आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ी जा सकती है. साथ ही यह भी दर्शाता है कि पाकिस्तान की धरती से चल रहे आतंकी नेटवर्क कितनी व्यवस्थित तरीके से काम करते हैं और भारत पर खतरा बने हुए हैं.

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