असम के धुबरी जिले में चार बांग्लादेशी लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि इन लड़कियों ने भारत में अवैध रूप से एंट्री की. शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन सभी को बॉर्डर पार कराने के लिए बांग्लादेशी दलालों ने करीब डेढ़ लाख रुपये वसूले थे. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ये लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हुई हैं या फिर किसी और मकसद से यहां पहुंचीं थीं.
जानकारी के मुताबिक, सभी लड़कियां गोलकंज अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते भारत में घुसी थीं. यहां से उन्हें एक दलाल ट्रेन के जरिए देश के अन्य हिस्सों तक ले जाने की फिराक में था. लेकिन रंगिया रेलवे स्टेशन पर GRP टीम की सतर्कता ने इस अवैध मूवमेंट को पकड़ लिया. टीम ने ट्रेन से उतरते ही चारों संदिग्ध लड़कियों को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए स्थानीय थाना भेज दिया.
पुलिस का कहना है कि पकड़ी गई लड़कियां बांग्लादेश के अलग-अलग जिलों की रहने वाली हैं. इनमें सुमैया एकतारा, सुहाना खातून, मिस्टी अंकतरा और आबिदा चौधरी शामिल हैं. ये चारों क्रमशः मदारीपुर, पावना, गाजीपुर और नेत्रकोना जिलों की रहने वाली बताई गई हैं.
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जांच में लड़कियों ने स्वीकार किया है कि उन्हें भारत में अच्छी नौकरी और बेहतर जिंदगी का लालच देकर बांग्लादेश से लाया गया था. दलालों ने इनके परिवारों से मोटी रकम वसूली और अवैध रूप से सीमा पार कराने की व्यवस्था की. फिलहाल चारों को गोलकंज पुलिस की गिरफ्त में रखा गया है, जहां उनसे पूछताछ जारी है. पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि लड़कियां वाकई किसी धोखे और तस्करी का शिकार हुई हैं या उनके भारत में प्रवेश के पीछे कोई और मकसद है.
धुबरी और गोलकंज सीमा क्षेत्र को लंबे समय से बांग्लादेशी घुसपैठ का संवेदनशील इलाका माना जाता है. इसी वजह से सुरक्षा एजेंसियां इन इलाकों में विशेष निगरानी रख रही हैं. पुलिस का कहना है कि मामले में शामिल दलालों की पहचान की जा रही है. पुलिस का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. यह भी देखा जा रहा है कि इस मामले का कनेक्शन किसी मानव तस्करी रैकेट से तो नहीं है.