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पिछले दो महीनों में EC की सूची से 808 पार्टियों गायब, और 359 दलों पर एक्शन की तैयारी

चुनाव प्रणाली को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने की रणनीति के तहत, ECI ने 2019 से गैर- सक्रिय RUPPs की पहचान और उन्हें सूची से हटाने का अभियान शुरू किया था, जिसके तहत 9 अगस्त, 2025 को 334 RUPPs को और 18 सितंबर, 2025 को 474 RUPPs को आयोग की सूची से हटाया गया.

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भारत निर्वाचन आयोग का नई दिल्ली स्थित मुख्यालय. (Photo: X/@ECI)
भारत निर्वाचन आयोग का नई दिल्ली स्थित मुख्यालय. (Photo: X/@ECI)

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने राजनीतिक पार्टियों की अपनी सूची को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़े अभियान के तहत पिछले दो महीनों में 808 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognized Political Parties) को इससे हटा दिया है. इसके अलावा, आयोग ने 359 अन्य RUPPs को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. यदि ये दल आवश्यक दस्तावेज और शर्तें पूरी नहीं करते, तो निकट भविष्य में आयोग द्वारा इन्हें भी अपनी सूची से हटाया जा सकता है, जिससे ईसीआई की सूची से हटाए जाने वाले कुल  RUPPs की संख्या 833 हो जाएगी.

निर्वाचन आयोग ने दलों को क्यों हटाया?

निर्वाचन आयोग के अनुसार, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29A के तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को ECI में पंजीकृत किया जाता है. पंजीकरण के बाद इन दलों को चुनाव चिन्ह, कर छूट जैसे विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं. हालांकि, नियमों के मुताबिक, यदि कोई दल लगातार 6 वर्षों तक कोई चुनाव नहीं लड़ता, तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाता है. 

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चुनाव प्रणाली को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने की रणनीति के तहत, ECI ने 2019 से गैर- सक्रिय RUPPs की पहचान और उन्हें सूची से हटाने का अभियान शुरू किया था, जिसके तहत 9 अगस्त, 2025 को 334 RUPPs को और 18 सितंबर, 2025 को 474 RUPPs को आयोग की सूची से हटाया गया. ये दल पिछले 6 वर्षों से ECI द्वारा आयोजित किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले रहे थे, फिर भी विशेषाधिकारों का लाभ उठा रहे थे. इस तरह, पिछले दो महीनों में कुल 808 RUPPs को सूची से हटाया जा चुका है. 

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और 359 RUPPs पर कार्रवाई की तैयारी

आयोग ने 359 ऐसे RUPPs की पहचान की है जो पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) में अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट समय पर जमा नहीं कर पाए. इन दलों ने चुनाव लड़े, लेकिन चुनावी खर्चे की रिपोर्ट दाखिल नहीं की. ये दल देश के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित हैं. निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है. इन दलों को सुनवाई के दौरान अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा. अंतिम निर्णय CEOs की रिपोर्ट के आधार पर ECI द्वारा लिया जाएगा.

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यूपी के 121 पार्टियों पर आयोग का एक्शन

हटाए गए दलों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश (121), महाराष्ट्र (44), तमिलनाडु (42), दिल्ली (40) और मध्य प्रदेश (23) के दल शामिल हैं. वहीं, जिन 359 दलों पर कार्रवाई की तैयारी है, उनमें उत्तर प्रदेश (127), दिल्ली (41), तमिलनाडु (39) और बिहार (30) के दल प्रमुख हैं. निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह अभियान चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. आयोग ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष और नियमों के अनुसार होगी, ताकि किसी भी दल को अनुचित रूप से सूची से न हटाया जाए.
 

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