
गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगह हिंसा हुई जिसकी संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई राजनीतिक दलों ने निंदा की. मोर्चा ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि इससे हमारा आंदोलन कमजोर होगा. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना जैसे राजनीतिक दलों ने भी हिंसा की निंदा की है.
दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि आज की हिंसा की हम कड़ी निंदा करते हैं. यह खेदजनक है कि केंद्र सरकार ने इस हद तक स्थिति को बिगड़ने दिया. पिछले दो महीने से आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है. किसान नेताओं ने कहा है कि जो लोग आज हिंसा में शामिल थे, वे आंदोलन का हिस्सा नहीं थे और वे बाहरी तत्व थे. वे जो भी थे, हिंसा ने निश्चित रूप से आंदोलन को कमजोर किया है जो अब तक इतने शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से चल रहा था.
कानून वापस ले केंद्रः ममता बनर्जी
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में हुई हिंसा पर कहा, 'दिल्ली की सड़कों पर चिंताजनक और दर्दनाक घटनाक्रम बेहद परेशान करने वाले हैं. केंद्र के असंवेदनशील रवैये और हमारे किसान भाइयों और बहनों के प्रति उदासीनता को इस स्थिति के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.'
Deeply disturbed by worrying & painful developments that have unfolded on the streets of Delhi.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 26, 2021
Centre's insensitive attitude and indifference towards our farmer brothers & sisters has to be blamed for this situation. (1/2)
उन्होंने आगे कहा कि पहले इन कानूनों को किसानों को विश्वास में लिए बिना पारित कर दिया गया और फिर देशभर में विरोध प्रदर्शन और पिछले 2 महीनों से दिल्ली के पास डेरा डाले हुए किसानों से निपटने के मामले में वे बेहद लापरवाह रहे. केंद्र को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए.
हिंसा समाधान का हल नहींः राहुल
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कड़ी निंदा की है. राहुल गांधी की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है, चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा. देशहित के लिए कृषि-विरोधी कानून वापस लो!
कांग्रेस नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आज दिल्ली में हुई हिंसक और अराजक घटनाओं से कांग्रेस पार्टी तथा पूरा देश क्षुब्ध है. लोकतंत्र में इस प्रकार की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘राजहठ’ छोड़ ‘राजधर्म’ के मार्ग पर चलना होगा.

पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से दिल्ली खाली करने की बात कहते हुए कहा, 'दिल्ली में चौंकाने वाले दृश्य दिखे. कुछ तत्वों द्वारा की गई हिंसा अस्वीकार्य है. यह शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा उत्पन्न सद्भावना को नुकसान पहुंचाएगा. किसान नेताओं ने खुद को इससे अलग कर लिया और ट्रैक्टर रैली को स्थगित कर दिया. मैं सभी किसानों से दिल्ली खाली करने और बॉर्डर्स पर लौटने का निवेदन करता हूं.'
Shocking scenes in Delhi. Violence by some elements is unacceptable. It'll negate goodwill generated by peacefully protesting farmers. Kisan leaders have disassociated themselves & suspended Tractor Rally. I urge all genuine farmers to vacate Delhi & return to borders: Punjab CM pic.twitter.com/0hQ6rgsugz
— ANI (@ANI) January 26, 2021
अकाली नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (SAD) आज दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करता है. पार्टी शांति के लिए खड़ी है और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करती है तथा लोगों से शांति व संयम बनाए रखने की अपील करती है. आज की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति पर विचार करने के लिए अकाली दल कोर कमेटी कल बैठक करेगी.
Shiromani Akali Dal condemns the acts of violence in Delhi today. The party stands for peace & believes in democratic values & appeals to people to maintain peace & calm. @Akali_Dal_ core committee will meet tomorrow to consider the situation arising out of the incidents today.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) January 26, 2021
दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर की ओर से भी ट्वीट कर अपील की गई कि हिंसा को रोक दें, हिंसा से कोई भी हल नहीं निकलेगा.

केंद्र नाकाम रहाः शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने अनुशासित तरीके से प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया. संयम खत्म होते ही ट्रैक्टर रैली निकाली गई. केंद्र की जिम्मेदारी कानून और व्यवस्था को नियंत्रण में रखने की थी, लेकिन वो विफल रहा.
Nobody will support whatever happened today but the reason behind it cannot be ignored either. Those sitting calmly grew angry, the Centre didn't fulfill its responsibility. Govt should act maturely & take the right decision: NCP Chief Sharad Pawar on the tractor rally in Delhi https://t.co/bJYo0l1fpb
— ANI (@ANI) January 26, 2021
उन्होंने आगे कहा कि आज जो कुछ भी हुआ उसका कोई भी समर्थन नहीं करेगा, लेकिन इसके पीछे के कारण को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. जो लोग शांति से बैठे हुए गुस्से में थे, केंद्र ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की. सरकार को परिपक्वता से कार्य करना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए.
हिंसा की शिवसेना नेता संजय राउत ने भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए. दिल्ली में जो हुआ वो राष्ट्रीय शर्म का विषय है. पूरी दुनिया ने वो देखा जो कभी नहीं हुआ. हालांकि उन्होंने हिंसा के लिए सरकार और किसान संगठन दोनों को जिम्मेदार ठहराया है.
जिनको हम इतने दिनो से अन्नदाता कह रहें थे
— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 26, 2021
वो आज उग्रवादी साबित हुए।
अन्नदाताओं को बदनाम न क़रो, उग्रवादियों को उग्रवादी ही बुलाओ!!
बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि जिनको हम इतने दिनों से अन्नदाता कह रहे थे वो आज उग्रवादी साबित हुए. अन्नदाताओं को बदनाम न क़रो, उग्रवादियों को उग्रवादी ही बुलाओ!!
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि किसानों को बदनाम ना करे क्योंकि यही किसान पिछले दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. मौजूदा मोदी सल्तनत किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही थी तब एक भी मीडिया सच दिखाने की हिम्मत नहीं कर रहा. किसान हमारी शान है और आप किसानों को दुखी कर रहे हैं.
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घमंड है जिसकी वजह से आज देश में किसान को इस तरह सड़क पर उतरना पड़ा है.
किसान मोर्चा ने की हिंसा की निंदा
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की किसान संयुक्त मोर्चा ने भी कड़ी निंदा की. मोर्चा ने हिंसा की खबरें आने के बाद बयान जारी करते हुए कहा कि आज की किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं. हम आज की कुछ अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा करते हैं, उनसे असंबद्धता करते हैं. साथ ही खेद जताते हैं.
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किसान मोर्चा ने आगे कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ लोग और संगठनों ने नियमों का उल्लंघना किया है और निंदनीय गतिविधियों में लिप्त हुए हैं. असामाजिक तत्वों ने इस शांतिपूर्ण आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की है. हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और किसी भी हिंसक गतिविधि से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा. 6 महीने लंबा और अब दिल्ली की सीमाओं पर 60 दिन से ज्यादा से चल रहे इस आंदोलन के कारण भी ऐसी स्थिति आई हैं.
मोर्चा ने आगे कहा कि हम इस तरह के सभी तत्वों से खुद को अलग करते हैं जिन्होंने अनुशासन भंग किया है. हम सभी से अपील करते हैं कि वे परेड के मार्ग और मानदंडों के अनुसार रहें. सभी से अपील है कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें.
मोर्चा ने आगे कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा की टीम आज की परेड संबधी बनाई गई योजना के बारे में सभी घटनाओं की पूरी सूचना लेने की कोशिश कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही पूरी तस्वीर मिल जाएगी और एक विस्तृत प्रेस नोट जारी किया जाएगा.