वैसे तो कोरोना के इस संकट काल में कई ऐसी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, जिसने दिल को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन आंध्र प्रदेश से सामने आ रही एक तस्वीर ने हम लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया. दरअसल, एक कोरोना पीड़ित पति तड़पता रहा, लेकिन उसकी पत्नी पास जाने की हिम्मत नहीं कर सकी. संक्रमण के डर से वह हिम्मत न जुटा पाई.
मामला आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम का है. इस गांव का रहना वाला एक शख्स विजयवाड़ा से अपने गांव लौटा. वह कोरोना संक्रमित था. इस वजह से उसे गांव में घुसने की इजाजत नहीं गई. वह गांव के बाहर ही एक झोपड़ी में रहने लगा. बीते दिनों जब उसके परिवार के लोग कोरोना संक्रमित शख्स से मिलने पहुंचे, तब वह जमीन पर गिरकर तड़प रहा था.
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो कोरोना संक्रमित शख्स को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. यह देखकर उसकी बेटी भावुक हो गई और अपने पिता की जान बचाने की कोशिश करने लगी. इस दौरान उसकी मां ने अपने संक्रमित पिता के पास जाने से रोका, लेकिन बेटी नहीं मानी और वह अपने पिता को पानी पिलाने लगी.
Heart-wrenching!! Unable to see the plight of his #COVID19 infected father, daughter went and poured water in his throat despite mother's objection. However, he breathed his last. #Srikakulam reported 2398 fresh #coronavirus cases (#AndhraPradesh 20,0034 new cases, and 82 deaths) pic.twitter.com/grNvwZ1s4X
— Aashish (@Ashi_IndiaToday) May 5, 2021
पति तड़प रहा था, लेकिन पत्नी दूर खड़ी देखती रह गई. वह कोरोना संक्रमण के डर से अपने पति के पास भी नहीं जा रही थी. पत्नी के अलावा गांव के ग्रामीण भी कोरोना संक्रमित शख्स को तड़पते हुए देख रहे थे और कोई भी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा. वहीं, बेटी अपने पिता को बचाने के लिए जद्दोजहद करती रही.
कई मिनट की जद्दोजहद के बाद कोरोना संक्रमित शख्स अपनी बेटी के सामने तड़प-तड़प कर मर गया. उसकी पत्नी और गांव के लोग देखते ही रह गए. बताया जा रहा है कि सांस की समस्या से जूझकर मरने वाले शख्स की उम्र 50 साल है. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
इस वीडियो को देखने के बाद सब यही कह रहे हैं कि कोरोना ने डर का माहौल ऐसा बनाया है कि घर के लोग ही अब मुंह मोड़ रहे हैं. खैर, कोरोना काल में यह इकलौता मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें मौत के बाद परिजनों ने लाश को हॉस्पिटल में ही छोड़ दिया और सामाजिक संस्था या पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार किया.