कोयंबटूर की हलचल भरी गलियों में दिवाली की तैयारी जोरों पर थी. हर घर की खिड़कियों और बालकनी में रंग-बिरंगी रोशनी और दीये सज रहे थे, लेकिन राजी राजेश की चॉकलेट शॉप में कुछ अलग ही हल्ला था. राजी, जो पिछले दस साल से अपने चॉकलेट बिजनेस के लिए पहचान बनाए हुए हैं, इस बार कुछ ऐसा लेकर आए हैं, जो सिर्फ मुंह मीठा ही नहीं करेगा, बल्कि लोगों के दिलों में भी एक अलग खुशी भर देगा.
एजेंसी के अनुसार, राजी का नया क्रिएशन था- क्रैकीज़... ये चॉकलेट पटाखों की तरह डिजाइन किए गए थे. फ्लॉवर पॉट, चक्री, रॉकेट और स्पार्कलर जैसी आकृतियों में बनी ये चॉकलेट दिवाली के उत्सव को पूरी तरह नया रूप दे रही थीं. इन चॉकलेट पटाखों का सबसे बड़ा कारनामा था- ये न तो धुआं छोड़ती थीं, न आवाज करती थीं, और न ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती थीं.

राजी बताते हैं कि दिवाली खुशी और रोशनी का त्योहार है. मैंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा बनाया जाए जो त्योहार की भावना को बनाए रखे, और हवा व पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे. इसी सोच ने मुझे 'क्रैकीज़' बनाने के लिए इंस्पायर किया. इन चॉकलेट पटाखों में सिर्फ सुंदर आकृतियां ही नहीं, बल्कि स्वाद का जादू भी था.
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व्हाइट, डार्क और मिल्क चॉकलेट में रोज, पिस्ता, भुना हुआ बादाम और बटरस्कॉच जैसे फ्लेवर थे. पैकेजिंग इतनी खूबसूरत थी कि लोग इन्हें सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट गिफ्ट और फेस्टिवल हैम्पर्स के लिए भी खरीद रहे थे.

राजी ने इस साल क्रैकीज के मिनिएचर वर्जन भी पेश किए. छोटे, प्यारे और स्वादिष्ट ये चॉकलेट बच्चों और बड़ों दोनों को ही पसंद आ रहे थे. रोचक बात यह थी कि इनकी लोकप्रियता भारत के बाहर भी पहुंच गई. यूएई, सिंगापुर और यूके से लोग ऑर्डर करने लगे. राजी और उनकी टीम ने डिमांड को देखते हुए प्रोडक्शन बढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी छोटी सी क्रिएटिविटी को इतना प्यार मिलेगा. ये हमारे लिए गर्व की बात है, हमें और बेहतर करने की प्रेरणा देती है.
अब लोग मीठे और रंग-बिरंगे क्रैकीज के साथ दीवाली का जश्न मना रहे हैं. बच्चों की हंसी, परिवार की खुशियां और कई तरह के टेस्ट... यह कहानी सिर्फ चॉकलेट की नहीं, बल्कि क्रिएटिविटी, पर्यावरण सुरक्षा और त्योहार की खुशियों को नए अंदाज में मनाने की है. राजी राजेश की इस क्रिएटिविटी को सराहना मिल रही है. क्रैकीज़ को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है.