कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बेंगलुरु के लिए कंजेशन टैक्स लगाने की खबरों को खारिज कर दिया है. डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने साफ किया है कि शहर में जाम की समस्या से निपटने के लिए किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाएगा. शिवकुमार कांग्रेस सरकार में बेंगलुरु डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं.
शिवकुमार ने आजतक से बातचीत में कहा, ऐसी कोई योजना नहीं है. इस तरह की बातें केंद्र की तरफ से आई होंगी, लेकिन राज्य सरकार का फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है. कंपनियों ने कुछ सुझाव जरूर दिए हैं, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है.
क्या है कंजेशन टैक्स का आइडिया?
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में हुई एक बैठक में ट्रैफिक कम करने के लिए कई सुझावों पर चर्चा हुई थी. इसमें एक प्रस्ताव यह भी था कि सिंगल-ऑक्यूपेंसी कारों पर टैक्स लगाया जाए और शुरुआत आउटर रिंग रोड पर पायलट प्रोजेक्ट से हो.
हालांकि, डीके शिवकुमार ने इसे अफवाह करार दिया और कहा, ये सब गलत बातें हैं. कुछ इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने बेंगलुरु के नागरिकों के हित में सुझाव दिए हैं, लेकिन वो अभी मेरे स्तर तक नहीं आए हैं. सरकार सिर्फ उन योजनाओं पर आगे बढ़ेगी, जो व्यावहारिक हों.
इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
डिप्टी सीएम ने कहा कि शहर के तेजी से बढ़ते वाहन रजिस्ट्रेशन को देखते हुए वाहनों पर रोक लगाकर ट्रैफिक नहीं सुधारा जा सकता. उन्होंने बताया कि सरकार पेरिफेरल रिंग रोड, 100 किलोमीटर का बिजनेस कॉरिडोर, एक्सप्रेस फ्लाईओवर, टनल्स और डबल-डेकर रोड्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है.
विपक्ष का हमला...
उधर, विपक्षी बीजेपी ने इस पूरे मामले में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. नेता विपक्ष आर. अशोक ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया सरकार तुगलकशाही कर रही है. उन्होंने कहा, पहले सड़कों की मरम्मत करो, सब ठीक हो जाएगा. सड़कें खराब हैं और सरकार जनता पर टैक्स लगाने की सोच रही है. अशोक ने यह सवाल भी उठाया कि क्या मुख्यमंत्री और मंत्री, जो अक्सर अकेले सफर करते हैं, उन पर भी यह टैक्स लागू होगा.