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'दूरदर्शन, प्रसार भारती में इनोवेशन पर जोर...', अश्विनी वैष्णव ने सरकारी विज्ञापन को लेकर भी किया बड़ा ऐलान

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दूरदर्शन और प्रसार भारती को बेहतर बनाने, पारंपरिक मीडिया की रक्षा और क्रिएटर इकॉनमी को मजबूत करने के लिए नई पहल की घोषणा की हैं. उन्होंने कहा कि फेक न्यूज और गलत सूचना से लोग काफी प्रभावित हो रहा हैं. MIB ने डीपफेक को लेबल करने की पहल शुरू की है.

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अश्विनी वैष्णव ने सरकारी ऐड को लेकर किया बड़ा ऐलान. (File Photo: ITG)
अश्विनी वैष्णव ने सरकारी ऐड को लेकर किया बड़ा ऐलान. (File Photo: ITG)

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रालय की आंतरिक संरचना को मजबूत करने और पारंपरिक मीडिया, नए मीडिया तथा क्रिएटर इकॉनमी को बढ़ावा देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि हम दूरदर्शन और प्रसार भारती को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं. हम फेक न्यूज और मिस इंफॉर्मेशन को भी रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने वाले हैं. साथ ही उन्होंने सरकारी विज्ञापन को लेकर भी किया बड़ा ऐलान किया है.

शुक्रवार को वैष्णव ने बताया कि अब हम सभी मंत्रालयों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की उपस्थिति सुनिश्चित कर रहे हैं. हर मंत्रालय में प्रासंगिक विशेषज्ञता वाले वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए जाएंगे, ताकि संचार से जुड़े मुद्दों में निरंतरता और सक्रिय भागीदारी बनी रहे. इसके लिए एक समर्पित टीम बनाई गई है जो बैकग्राउंडर्स तैयार करती है.

दूरदर्शन और प्रसार भारती को बेहतर बनाने पर जोर

मंत्री ने कहा कि हम दूरदर्शन और प्रसार भारती को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जहां कई प्रयोग और इनोवेशन चल रहे हैं. इसका उद्देश्य सार्वजनिक प्रसारण को आधुनिक, प्रासंगिक और दर्शक-केंद्रित बनाना है.

इसके अलावा भारत के कंटेंट क्रिएटर्स को मजबूत बाजार देने पर जोर देते हुए वैष्णव ने बताया कि अब तक भारतीय क्रिएटर्स ने 300 करोड़ रुपये के उत्पाद बेचे हैं. मंत्रालय का टारगेट क्रिएटर इकॉनमी को और मजबूत करना है.

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पारंपरिक मीडिया की रक्षा

मंत्री ने स्वीकार किया कि नए मीडिया के उभार से पारंपरिक मीडिया के लोगों की आजीविका, खासकर पारंपरिक मीडिया घरानों में काम करने वालों पर असर पड़ रहा है. हमारा उद्देश्य पारंपरिक मीडिया को इसे बचाना है. इसे देखते हुए मंत्रालय तीन स्तरों पर काम कर रहा है.

उन्होंने आगे बताया, रेडियो में विकास को प्रतिबंधित करने वाले मौजूदा विनियामक अवरोधों को दूर करने के तरीकों की खोज की जा रही है. ये कदम रेडियो क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करने के लिए है.

टीवी में सुधार

टेलीविजन क्षेत्र के लिए मंत्रालय रेटिंग सिस्टम में सुधार के लिए काम कर रहा है, क्योंकि टीवी चैनलों को वर्तमान में इसमें विकृतियों का सामना करना पड़ता है. सुधार का टारगेट एक समान प्रतिस्पर्धा का माहौल सुनिश्चित करना है.

इसके अलावा DTH क्षेत्र में भी सुधारों पर विचार किया जा रहा है. ये पहुंच को अधिकतम करने और फ्री डिश सेवाओं के लिए लागत संरचना को अधिक कुशल बनाने के लिए किया जा रहा है. रेटिंग सुधारों पर एक परामर्श पत्र पहले ही पूरा हो चुका है और टीवी के लिए विज्ञापन पैकेज में सुधार पर काम चल रहा है.

प्रिंट मीडिया को 27% अधिक विज्ञापन दरें

प्रिंट मीडिया को सीधा समर्थन देने के लिए सरकार ने सरकारी विज्ञापन दरों में 27% की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. 15 नवंबर के बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी होगी. ये फैसला अखबारों और पत्रिकाओं को वित्तीय सहयोग प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो डिजिटल बाधाओं से जूझ रहे हैं.

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फेक न्यूज़ और डीपफेक पर विनियमन

 

 

विनियमन पर बात करते हुए वैष्णव ने स्वीकार किया कि फेक न्यूज और गलत सूचना से समाज काफी प्रभावित हो रहा है, इसलिए कुछ विनियमनों की जरूरत है. हालांकि, ज्यादातर नियम IT मंत्रालय के दायरे में आते हैं, लेकिन MIB ने डीपफेक को लेबल करने की पहल शुरू की है. उन्होंने कहा कि उनका टारगेट इनोवेशन पर ज्यादा जोर देते हुए न्यूनतम विनियमन बनाए रखना है, ताकि इनोवेशन पर विनियमन का असर न पड़े.

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