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'सारे वामपंथी भाई हम पर टूट पड़े थे...', कोविड में जनता कर्फ्यू का विपक्ष कैसे मजाक उड़ाता था अमित शाह ने बताया

अमित शाह ने कहा कि कोरोना के दौरान जनता कर्फ्यू के तहत प्रभावी कदम उठाए. विपक्ष और वामपंथी समूहों ने शुरू में इसे हल्के में लिया, लेकिन इसने करोड़ों लोगों को संक्रमण से बचाया. यह समय सरकार के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय था.

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अमित शाह ने कहा कि भारत का कोविड प्रबंधन और PM मोदी का नेतृत्व उसका अध्ययन होना चाहिए (Photo: ITG)
अमित शाह ने कहा कि भारत का कोविड प्रबंधन और PM मोदी का नेतृत्व उसका अध्ययन होना चाहिए (Photo: ITG)

अमित शाह ने आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान बताया कि मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा चैलेंजिंग समय कोरोना काल का रहा. उस वक्त हमारी स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर अभी इतना अच्छा नहीं हुआ तो कोविड के बाद में मोदी ने परमार्श कर उसमें आमूलचूल परिवर्तन किया. परंतु स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर हमारा इतना अच्छा नहीं था. सब लोग ऐसा मानते थे. मगर कोविड के समाप्त होने के बाद सब कहने लगे सबसे अच्छा प्रबंधन भारत का रहा.

शाह बोले- भारत का प्रबंधन इसलिए सबसे अच्छा रहा क्योंकि नेतृत्व की क्वालिटी अच्छी रही. दुनिया भर में कोविद प्रबंधन कोविद के खिलाफ़ की लड़ाई सिर्फ सरकार ही लड़ी. यहां केंद्र सरकार, राज्य सरकार, म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, जिला पंचायत और 140 नागरिक साथ में मिलकर ये लड़ाई लड़ी और इसी के कारण सफल हुए.

कोविड-19 प्रबंधन: जनता कर्फ्यू और विपक्ष की प्रतिक्रिया

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू घोषित किया. उस समय सारे वामपंथी मजाक उड़ाते थे. उन्होंने नहीं समझा कि यह जनता में जागरूकता पैदा करने की कवयाद है. 140 करोड़ लोग सड़कों पर नहीं निकले, लेकिन महामारी पर नियंत्रण मिला. 

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी समझ गए कि इतनी बड़ी लड़ाई लड़ने की लिए सबका साथ आना जरूरी है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बहुत अच्छे तरीके से कोरोना के ख़िलाफ़ जंग लड़ी गई. एक बार प्रधानमंत्री ने सारे डॉक्टर, पुलिस वालों से मुलाक़ात की. इसके साथ ही ड्यूटी पर तैनात मारे गए लोगों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में वह शामिल हुए. 

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शाह ने बताया कि भारत में वैक्सीन वितरण और सर्टिफिकेटिंग विश्व स्तर पर सबसे तेज़ रहा. ऑक्सीजन की कमी को भी रातों-रात पूरा किया गया. जहां अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को कोविड-19 के सर्टिफिकेट देने में महीना भर लग रहा था वहीं भारत में तुरंत ही नागरिकों को मोबाईल पर मिल जा रहा था.

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