सांसदों और विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है. शीर्ष अदालत ने बुधवार को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों को सांसदों और विधायकों के खिलाफ केसों की जांच में देरी करने पर जमकर फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि मामले 10-15 साल से लंबित हैं और चार्जशीट तक दायर नहीं की गई है. कोर्ट ने एजेंसियों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा प्रवर्तन निदेशालय 'केवल संपत्तियों को कुर्क कर रहा है' और कुछ नहीं किया जाता है. कोर्ट ने कहा कि 'मामलों को इस तरह लटकाए न रखें. चार्जशीट दाखिल करें. लोगों को न्याय दिलाने के लिए त्वरित परीक्षण की आवश्यकता है'. देखें आजतक संवाददाता संजय शर्मा की ये रिपोर्ट.