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केजरीवाल की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को थमाया नोटिस, 24 अप्रैल तक देना होगा गिरफ्तारी पर जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की स्पेशल लीव पिटिशन पर सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी ईडी को नोटिस जारी किया है और 24 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. अदालत में अब इस मामले की सुनवाई 29 अप्रैल को होगी.

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) याचिका पर सुनवाई करते ईडी को नोटिस जारी किया है. अदालत ने जांच एजेंसी से केजरीवाल की गिरफ्तारी पर 24 अप्रैल या उससे पहले अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और ईडी के जवाब के बाद 27 अप्रैल तक केजरीवाल को अदालत के सामने अपना प्रतिउत्तर देना होगा. 

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी ईडी को नोटिस जारी किया है. अदालत ने ईडी को 24 अप्रैल या उससे पहले अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत तीन दिन केजरीवाल को प्रतिउत्तर यानी रिजाइंडर के लिए दिए. कोर्ट ने अब इस मामले पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है. 

'बहस के लिए बचाकर रखें दलीलें'

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें चुनाव प्रचार से वंचित करने के लिए गिरफ्तारी की गई थी. उन्होंने कोर्ट से कहा कि मैं इस मामले की सुनवाई के लिए पास की तारीख की मांग कर रहा हूं.

उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक जितने भी आरोपपत्र दाखिल किए गए है, उसमें केजरीवाल का नाम कहीं भी नही है.  सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी को कहा कि आप अपनी दलीलें, बहस के लिए बचा कर रखें. सिंघवी ने कहा कि उनको चुनाव में प्रचार भी करना है.

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केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने इस याचिका में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए ईडी की रिमांड को असंवैधानिक बताया है.

HC से लगा झटका

बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए कई अहम टिप्पणियां की थीं. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उनकी याचिका को खारिज करते हुए राहत देने से इनकार कर दिया. केजरीवाल ने अपनी याचिका में अपनी गिरफ्तारी और फिर ईडी रिमांड को असंवैधानिक बताया था. साथ ही केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं. 

यह भी पढ़ें: AAP के 'खामोश' सांसदों से बेहतर होते कुमार विश्‍वास जैसे पुराने साथी, क्‍या केजरीवाल को खल रही होगी चूक?

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा,'यह केंद्र सरकार और केजरीवाल के बीच का मामला नहीं है, बल्कि ईडी और केजरीवाल के बीच का मामला है.उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. किसी को कोई विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता. ईडी के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. जांच में पूछताछ से मुख्यमंत्री को छूट नहीं दी जा सकती. जज कानून से बंधे हैं, राजनीति से नहीं.'

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राउज एवेन्यू कोर्ट में भी होगी पेशी

वहीं, शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज (सोमवार को)  खत्म हो रही है. जिसके चलते ई़डी उन्हें आज ही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करेगा. राउज एवेन्यू के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने ईडी की मांग पर एक अप्रैल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था जो आज खत्म हो रही है.

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क्या थी शराब नीति

बता दें कि दिल्ली सरकार के तत्कालीन आबकारी विभाग मंत्री मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था और 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई. इस नीति के तहत दिल्ली सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई थी और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई थीं. नई नीति लागू करने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी, लेकिन बाद में विवाद बढ़ने के बाद 28 जुलाई, 2022 को सरकार ने इस शराब नीति रद्द कर फिर से पुरानी शराब नीति को लागू कर दिया था.

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क्या है आरोप

जांच एजेंसियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने एक्साइज पॉलिसी तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार किया है. उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. मनी लॉन्ड्रिंग की वजह से ईडी भी एंट्री हुई. इस बीच दिल्ली की AAP सरकार ने इस पॉलिसी को रद्द कर दिया था.

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